इंदौर। प्रदेश सरकार मंगलवार दो मार्च को अपना बजट पेश करने जा रही है। इस बजट में तमाम बातें की जा रहीं हैं लेकिन अगर आम लोगों को सबसे ज्यादा किसी घोषणा का इंतजार है तो वह है महंगाई कम होने का। इनमें सबसे अहम है पेट्रोल-डीजल पर लिया जाने वाला टैक्स। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पेट्रोलियम पदार्थों पर लग रहे अतिरिक्त करों में कुछ कटौती करेंगे।
प्रदेश में महंगाई प्रदेश सरकार द्वार पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत पर निर्भर करती है। व्यापारियों के साथ आम लोग भी तेल के सस्ते होने का उम्मीद में बजट को देख रहे हैं। ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन ने डीजल के दाम में दस रुपये प्रति लीटर कटौती की मांग की है।
इसके अलावा रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए क्रेडाई की मांग है कि पंजीयन की दर फिर से दो फीसदी घटाकर साढ़े 10 फीसदी कर दी जाए। इससे पहले सितंबर में राज्य सरकार ने चार महीने के लिये ऐसा किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे इस सेक्टर को लाभ होगा।
वैसे सरकार के बजट से व्यवसायियों की यह उम्मीदें कितनी हद तक पूरी हो सकती हैं यह देखना होगा। सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वह करों में किसी भी तरह की कटौती करे।
उद्योग जगत भी बजट को लेकर उम्मीदें लगाए बैठा है। यहां विशेषज्ञ और व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि बीते साल जो बजट में कटौती की गई थी सरकार उसकी भरपाई करेगी। उल्लेखनीय है कि बीते साल कोरोना के चलते शासन ने विविध विभागों के बजट में 10 से 15 फीसदी की कटौती कर दी थी।
उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार विशेष तौर पर सब्सिडी वाले मद में अधिक राशि आवंटित की जाएगी। इससे सूक्ष्म, लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों की रुकी हुई करोड़ों की सब्सिडी एक बार फिर उद्योगों को मिलना शुरू हो सकेगी।