खरगोनः पटवारी ने बुजुर्ग दंपती को बता दिया मृत, अब काट रहे कलेक्टोरेट के चक्कर


ग्राम लिक्खी के बुजुर्ग महिला पुरुष कृषक पहुंचे कलेक्टोरेट, अफसरों से कहा- हम जिंदा, लेकिन कागजों पर मृत हैं इसलिए नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ।


कांतिलाल कर्मा
घर की बात Published On :
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खरगोन। अब तक आप ने कागजों पर शासकिय योजनाएं पूरी दर्शाकर राशि हड़पने की खबरें तो सुनीं होंगी, लेकिन अब बिना जांच-पड़ताल के लोगों को मृत भी घोषित किया जाने लगा है।

जी हां, यह लापरवाही जनपद के ग्राम लिक्खी में सामने आई है, जहां पटवारी ने एक बुजुर्ग महिला और पुरुष किसान को लापरवाही बरतते हुए मृत घोषित दर्शा दिया।

अब किसान को पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिलने पर इस लापरवाही का खुलासा हुआ है। खुद को जिंदा साबित करने के लिए अब उक्त बुजुर्ग कलेक्टोरेट के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्राम लिक्खी के मंगत पिता बसीर और बिस्मिला बाई सरदार ने कलेक्टर के नाम एक आवेदन दिया। बुजुर्ग आवेदकों ने बताया कि उनका नाम किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत है।

2019 से लेकर अब तक योजना के तहत पांच-पांच किश्त भी मिल चुकी है। अब पटवारी महेश पाटिल ने लापरवाहीपूर्वक पंजीयन में इन्हें मृत घोषित कर दिया है।

इसके कारण दोनों को सम्मान निधि नहीं मिल रही और वे अब आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बुजुर्गों ने कहा कि साहब! हम जिंदा है। यह बताने के लिए यहां आए हैं।

उन्होंने ने मांग की है कि इस मामले में जांच कर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि राशि दिलवाई जाए और लापरवाह पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दूसरी तरफ, पटवारी महेश पाटिल ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। पटवारी पाटिल का कहना है कि उसके द्वारा द्वेषतापूर्ण कोई काम नहीं किया है। यदि तकनीकी त्रुटि के चलते कहीं परेशानी है तो उसे शत प्रतिशत सुधार देंगे।


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