खरगोनः कृषि बिल के विरोध में कांग्रेस ने शहर में निकाली ट्रैक्टर रैली


– गलत नीतियों को छुपाने किसानों के खाते में सम्मान निधि डालकर किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही सरकार।
– राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर की तीनों बिलों को वापस लेने की मांग।


कांतिलाल कर्मा
घर की बात Updated On :
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खरगोन। केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधित तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग अब खरगोन जिले में भी जोर पकड़ने लगी है। मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया।

जिला कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर क्षेत्र के किसान सुभिषी हॉस्पिटल परिसर में एकत्रित हुए। यहां सैंकड़ों की संख्या में जमा हुए ट्रैक्टरों की रैली जब शहर की सड़कों पर निकली तो करीब पांच किलोमीटर के दायरे में सैंकड़ों ट्रैक्टरों की कतारें लग गईं।

रैली के पहले आमसभा में पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ, विधायक रवि जोशी, जिलाध्यक्ष झूमा सोलंकी, बड़वाह विधायक सचिन बिरला ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की बजाय बातचीत टालकर किसानों के धैर्य का इम्तिहान ले रही है, लेकिन किसानों ने भी ठान लिया है कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों सहित किसानों के पहुंचने से उत्साहित कांग्रेस नेताओं ने जमकर सरकार की नतियों को कोसा। रैली में पूर्व कृषि मंत्री एवं कसरावद विधायक सचिन यादव और भगवानपुरा विधायक केदार डावर नदारद रहे।

दोपहर करीब दो बजे रैली की शुरुआत हुई। ट्रैक्टरों पर विधायक सहित पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता व किसान सवार हुए। नारेबाजी करते हुए किला मैदान पहुंचे, यहां से झंडा चौक, पोस्ट ऑफिस होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।

रैली के विशाल स्वरुप को देखते हुए यहां प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्थाएं संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। ट्रैक्टर रैली को कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रवेश द्वार टीआईटी कॉम्पलेक्स के बाहर ही रोक दिया गया।

यहां से विधायक एवं अन्य नेता किसानों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। एक बार फिर विधायकों को प्रशासनिक अधिकारियों की रोकटोक का सामना करना पड़ा। कलेक्टर गेट के प्रवेश द्वार से करीब 30 फीट दूरी पर बेरिकेट लगाकर पुलिस ने विधायकों को रोक दिया, यहां एसडीएम की समझाइश के बाद भी गुस्साए विधायक बेरिकेट हटाकर कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंच गए।

कांग्रेस विधायकों ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर तीनों कृषि कानूनों को बिना शर्त वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार हठ और छलपूर्वक देश के किसानों पर थोप रही है, जिससे साामाजिक व आर्थिक ढांचे को नुकसान पहुंचेगा।

विधायकों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आने के बाद से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, अपनी गलत नीतियों को छुपाने के लिए सरकार ने किसान सम्मान राशि की योजना शुरू की और किसान हितैषी बनने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।

ज्ञापन में कृषि कानून वापस लेने के साथ ही प्रदेश में सरकार बदलने के बाद ऋणमाफी योजना से वंचित रह गए किसानों के ऋणमाफी की मांग भी की गई।

कांग्रेस सेवा दल निकालेगी किसान संघर्ष यात्रा –

केंद्र सरकार के बनाए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस सेवादल द्वारा प्रदेश के सात अलग-अलग अंचलों से किसान संघर्ष यात्रा निकाली जाएगी। कांग्रेस सेवादल जिला अध्यक्ष रविंद्र निखोरिया ने बताया कि इसी कड़ी में निमाड़ अंचल के जिला मुख्यालय खरगोन से बुधवार 13 जनवरी को बुरहानपुर तक की यात्रा निकाली जाएगी।

इस दौरान प्रदेश प्रभारी प्रभारी गोविंद मिश्रा, दिनेश पांडे उपस्थित रहेंगे। यात्रा शहर के नवग्रह मंदिर से शुरू होकर जिले के घुघरियाखेड़ी, बिलाली, बमनाला सुरवा, भीकनगांव, लालखेड़ा, होते हुए चार पहिया वाहन, ट्रेक्टर दो पहिया वाहन से बुरहानपुर तक पहुचेगी।





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