प्रदेश के प्रमुख नेशनल पार्कों – कान्हा किसली, बांधवगढ़, पेंच और पन्ना के टाइगर रिजर्व 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खुले, जिससे पार्कों में एक बार फिर चहल-पहल लौट आई। पहले ही दिन टाइगर, बायसन और कई अन्य जंगली जीवों के दीदार ने पर्यटकों को रोमांच और उत्साह से भर दिया।
कान्हा नेशनल पार्क में उम्मीदों की बहार
प्रदेश के सबसे बड़े और विस्तृत कान्हा नेशनल पार्क के चारों जोन में पहले दिन से ही पर्यटकों की भारी भीड़ देखी गई। यहां करीब तीन से साढ़े तीन महीने के बाद पार्क खुलने से जिप्सी चालकों, गाइडों और स्थानीय दुकानदारों के साथ ही होटल और रेस्टोरेंट मालिकों में नई उम्मीद जागी है। यह पार्क सालभर में करीब 2 लाख सैलानियों को आकर्षित करता है, जहां मंडला जिले के चारों जोन में 150 गाइड और करीब ढाई सौ जिप्सियां उपलब्ध हैं।
फील्ड डायरेक्टर एस.के. सिंह के अनुसार, पार्क में लगभग 115 टाइगर हैं और कुछ शावक भी हैं, जिनका दीदार पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण है। इसी आकर्षण के चलते इस सीजन में 13,339 विदेशी और 1,78,538 भारतीय पर्यटक यहां पहुंचे।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में टाइगर की दहाड़
437 वर्ग किलोमीटर में फैला बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपने बाघों के घनत्व के लिए प्रसिद्ध है। पहले दिन बड़ी संख्या में पर्यटकों ने यहां टाइगर और अन्य वन्य जीवों को देखकर खुशी जाहिर की। पार्क में 80 से अधिक जंगली जानवरों की प्रजातियां, 250 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां और 37 स्तनधारी जीवों की उपस्थिति यहां के जैव विविधता को अनोखा बनाती है।
यहां की 32 पहाड़ियों और घने वन क्षेत्र ने इस रिजर्व को पर्यटकों की पहली पसंद बना दिया है। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा ने जिप्सी चालकों के लिए भी अच्छे अवसर खोले हैं। पहले ही दिन डेढ़ सौ से ज्यादा जिप्सियों ने पार्क में सफारी की। पार्क में 234 जिप्सियां और 125 गाइड पर्यटकों को सेवाएं देते हैं। हाल ही में यहां के स्थानीय लोगों ने 40 नई जिप्सियां खरीदी हैं, जिन्हें टाइगर रिजर्व से जोड़ने को लेकर गरमागरमी बनी हुई थी।
प्राकृतिक सौंदर्य और टाइगर के लिए प्रसिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व
प्राकृतिक सौंदर्य और बाघों के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व का पहला दिन भी पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा। फील्ड डायरेक्टर अंजना एस. तिर्की ने पार्क का फीता काटकर सीजन की शुरुआत की।
पन्ना टाइगर रिजर्व के मुख्य द्वार पर फील्ड डायरेक्टर ने टूरिस्टों का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि इस बार का सीजन पिछले सभी सीजन से बेहतर रहेगा, क्योंकि यहां के बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है। पहले ही दिन 35 जिप्सियां पार्क के अंदर गईं और दोनों समय की सफारी के लिए पूरी तरह बुक हो गईं। इस बार विदेशी पर्यटकों की भी ज्यादा आने की संभावना है। टूरिस्ट प्रद्युम्न मिश्रा ने बताया कि मानसून के समय जंगल और उसके राजा के दीदार के लिए उन्हें बेसब्री से इंतजार था।
पेंच अभ्यारण्य की भीड़ और संभावनाएं
सिवनी जिले का पेंच अभ्यारण्य भी पर्यटकों के बीच चर्चित रहा। हालांकि, अन्य पार्कों की तुलना में यहां पहले दिन भीड़ कम थी, लेकिन आने वाले दिनों में यहां अच्छी खासी भीड़ और पर्यटकों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
नया उत्साह और नई उम्मीदें
सभी पार्कों के खुलने से स्थानीय जिप्सी चालक, गाइड और होटल-रेस्टोरेंट मालिकों में नई उम्मीद जागी है। खासकर बांधवगढ़ और पन्ना के गाइडों ने पहले दिन की शुरुआत को त्योहार जैसा बताया। यह सीजन स्थानीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार के अवसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाता है।