जबलपुर। चीन से आयात किए जा रहे अमानक जिलेटिन पर रोक नहीं लगाने के आरोप पर जवाब के लिए मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को पंद्रह दिन की मोहलत दी है। इस मामले में अब अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस राजीव कुमार दुबे की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि देशभर में जिलेटिन का उपयोग दवाओं और खाद्य पदार्थों में होता है, लेकिन देश में कई प्राइवेट कंपनियां चायनीज जिलेटिन आयात कर रही हैं, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक हैं।
याचिका में बताया गया कि अमानक जिलेटिन की चीन से आपूर्ति नियमों को ताक पर रखकर की जा रही है, जिसकी जांच में कई हानिकारक तत्व पाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन से आयात किए जाने वाले जिलेटिन में भारी मात्रा मे क्रोमियम और सलमोनेलिया पाया गया है।
इस मामले में चार साल पहले याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच द्वारा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 2017-2019 के दौरान चीन से आयातित 442 टन जिलेटिन में से 289 टन खाद्य पदार्थ में मिलाने योग्य नही पाया गया जबकि करीब 41 टन जिलेटिन रिजेक्ट कर दिया गया।
इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए तत्काल चायनीज जिलेटिन को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया गया। गुरुवार को केंद्र सरकार के अनुरोध पर जवाब के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है।