नरसिंहपुर। एक मां को हमेशा ही ममता से भरा बताया जाता है, लेकिन गुरुवार की अलसुबह एक अभागी मां ने पता नहीं किस कारण एक नवजात बच्ची को नरसिंहपुर के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय परिसर में फेंक दिया।
रेलवे स्टेशन व पुलिस थाना स्टेशन के बीच स्थित वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय परिसर में एक नवजात बालिका कचरे व छोटी झाड़ियों के बीच सिसकती मिली।
उस बच्ची को तुरंत ही 108 एंबुलेंस की मदद से जिला अस्पताल की गहन शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर है।
बच्ची के शरीर पर खरोंच के निशान मिले हैं। य़यह आशंका जताई जा रही है कि बच्ची को यह जख्म झाड़ियों के बीच फेंके जाने की वजह से आए होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, 108 एंबुलेंस को गुरुवार की सुबह सूचना मिली कि वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय परिसर में एक नवजात शिशु के रोने की आवाज आ रही है।
एंबुलेंस के ईएमटी हेमंत प्रजापति ने बताया कि
सूचना पर तत्काल मौके पर जाकर देखा तो नवजात बालिका थी और उसे बिना कपड़ों के फेंका गया था, शरीर पर हल्की खरोंच के निशान थे और वह रो रही थी। उसे जिस स्थान पर फेंका गया था वहां कचरा व आसपास हल्की झाड़ियां भी थीं। वहां से बालिका को उठाकर तत्काल वाहन पायलट नितिन जाट की मदद से उसके शरीर की सफाई कर खरोंच को साफ किया गया और ऑक्सीजन लगाकर उसे जिला अस्पताल लाया गया।
बालिका की हालत देखकर अनुमान है कि उसका जन्म कुछ घंटे पहले ही हुआ है। नवजात को जिला अस्पताल की गहन शिशु चिकित्सा इकाई अर्थात एसएनसीयू में भर्ती किया गया है।
बालिका को जैसे ही यूनिट में भर्ती किया गया तो नर्सिंग स्टाफ ने भी डॉक्टर के परामर्श पर वार्मर चालू कर उसे उपचार देना शुरू कर दिया।
घटना को लेकर वन परिक्षेत्र अधिकारी दिनेश मालवीय ने बताया कि
जिस स्थान पर नवजात बच्ची मिली है वह कार्यालय परिसर का कोना है और बाउंड्रीवाल के उस तरफ रास्ता है इसलिए संभव है कि कोई बाहरी व्यक्ति बच्ची को वहीं फेंक कर चला गया हो।