मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी 3 नवम्बर को खारिज कर दी। उमरिया निवासी कौशल सिंह मेश्राम की ओर से दायर अंतरिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीके श्रीवास्तव की एकल खंडपीठ ने यह फैसला लिया है।
Posting Vulgar Picture Of RSS Chief Mohan Bhagwat: Madhya Pradesh High Court Denies Anticipatory Bail To The Accused [Read Order] @RSSorg,@DrMohanBhagwat https://t.co/8qWVx3fzJK
— Live Law (@LiveLawIndia) November 5, 2020
आवेदक पर आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत की अश्लील तस्वीर पोस्ट करने का आरोप है जिसमें उसने 28 लोगों टैग किया था। इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ आइपीसी की धारा 292 और आइटी एक्ट 77 के अधीन उमरिया थाने में मामला दर्ज हुआ है।
इसी मामले में गिरफ़्तारी से बचने के लिए कौशल सिंह ने अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दी थी, जिसे अदालत ने ख़ारिज कर दिया।
अदालत में कौशल मेश्राम के वकीलों ने तर्क दिया कि, आरएसएस प्रमुख के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट गलती से की गई है, भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
वहीं, इस दलील के विरोध में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता शांतनु अयाची व विपुलवर्धन जैन ने जमानत अर्जी खारिज किए जाने पर बल दिया. तर्क दिया कि मामला गंभीर है। आवेदक के खिलाफ भादवि की धारा-292 और 77 आइटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज है। ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत दिए जाने से आरोपी तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। आवेदक गिरफ्तारी से बचना चाहता है, जबकि नियमानुसार ऐसे प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद ही अदालत से जमानत देना तर्क सम्मत होती है। यह मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ संचालक मोहन भागवत की प्रतिष्ठा पर आघात की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।