जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार के निर्देश पर शुरू किए गए माफिया विरोधी अभियान के क्रम में गुरुवार की सुबह जबलपुर जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने भू-माफिया शमीम कबाड़ी के दो अवैध कब्जों को ध्वस्त कर दिया।
शमीम कबाड़ी ने पंचायत की जमीन पर कब्जा कर मकान और गोदाम बना लिया था। वहीं, चांटी गांव में अवैध तरीके से बनाए गए दो मंजिला भवन, गोदाम, दुकान को भी तोड़ा गया।
गोहलपुर थाने के निगरानी बदमाश कबाड़ी के कब्जे से पिपरिया गांव में 12 एकड़ शासकीय भूमि मुक्त कराई गई। कुल 15 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कबाड़ी के कब्जे से मुक्त कराई गई।
जानकारी के मुताबिक, गोहलपुर निवासी मोहम्मद शमीम उर्फ शमीम कबाड़ी ने पनागर तहसील अंतर्गत खजरी पंचायत की शासकीय भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा कर 1750 वर्गफीट हिस्से में निर्माण करा लिया था। उसने थोड़ी ही दूरी पर 800 वर्गफीट में एक गोदाम भी कब्जा कर बनाया था।
दोनों ही कब्जों को संयुक्त अमले की अगुवाई में जेसीबी और पोकलेन मशीनों ने ढहा दिया। इसके बाद टीम ने चांटी गांव में नजर कबाड़ी के दो मंजिला भवन का 86 वर्गफीट में निर्मित हिस्सा तोड़ दिया। हाईकोर्ट ने इसे तोड़ने का आदेश दिया था।
वीडियो में देखें अवैध कब्जे को जमींदोज करने की कार्रवाई –
कार्रवाई के दौरान कुल दो पोकलेन, पांच जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं। वहीं पुलिस और अतिक्रमण विभाग का 150 अमला लगाया गया था। इस मौके पर एसडीएम जबलपुर नम: शिवाय अरजरिया, एएसपी अमित कुमार, एसडीएम अधारताल ऋषभ जैन, सीएसपी अधारताल अशोक तिवारी, टीआई ओमती एसपीएस बघेल सहित माढ़ोताल, हनुमानताल, भेड़ाघाट, मदनमहल टीआई और उनके थाने का बल पहुंचा था।
मौके पर तहसीलदार राजेश सिंह, दिलीप चौहान, नायब तहसीलदार संदीप जायसवाल, नगर निगम के सहायक अतिक्रमण अधिकारी सागर बोरकर, उमेश सोनी, एहसान खान, नरेंद्र कुशवाहा, मुकेश पारस सहित अतिक्रमण दल मौजूद रहा।
शमीम कबाड़ी के खिलाफ रेलवे स्क्रैप चोरी के पांच प्रकरण दर्ज हैं। 2017 में एसटीएफ ने रेलवे स्क्रैप चोरी मामले में उस पर बड़ी कार्रवाई की थी। शहडोल रेंज के पूर्व एडीजी जी जनार्दन का पूर्व में ऑडियो वायरल कर शमीम चर्चा में आ चुका है।
इसके साथ ही संयुक्त अमले ने इसके अलावा मोहनलाल पटेल के नाम से 1000 व 800 वर्गफीट भूमि का पट्टा आवंटित हुआ था। यह पट्टा उसे मकान बनाने के लिए आवंटित हुआ था, लेकिन वह गोदाम व दुकान बनाकर कमाई कर रहा था। इसे भी तोड़ दिया गया।
वहीं, पिपरिया गांव में वीरेंद्र पटेल नाम के व्यक्ति ने 12 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा कर गेहूं की फसल लगाई थी। वह पिछले 15 वर्षों से उस पर काबिज था। उसे भी प्रशासन ने कब्जे में ले लिया।