जबलपुर में कांग्रेस कार्यालय पर बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने की तोड़फोड़


पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया सीएम शिवराज से पुलिस की भूमिका पर सवाल, तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई की मांग


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जबलपुर Updated On :

जबलपुर। बजरंग दल के काम काज और उनके हिंसात्मक रवैये को लेकर देश में बहस चल रही है। यह रवैया जबलपुर में देखने को मिला। जहां बजरंगदल के कार्यकर्ता कांग्रेस से अपनी नाराज़गी जताने के लिए पार्टी कार्यालय गए और वहां तोड़फोड़ की। हालांकि बाद में बजरंग दल के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खुद ही तोड़फोड़ की और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है। इस मामले पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने खासी नाराजगी जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज से इस दल के कामकाज पर सवाल करते हुए तोड़फोड़ करने वाले लोगों  पर कार्रवाई की मांग की और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल किया। वहीं शहर की पुलिस भी इस दल के आगे बेबस दिखाई दी।

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भीड़ की शक्ल में नारे लगाते हुए बलदेव बाग इलाके में मौजूद जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पहुंचे और भवन में तोड़फोड़ करने लगे। इस दौरान भवन बंद था तो कार्यकर्ताओं ने शटर में पत्थर मारे और वहां बाहर रखे सामान को तोड़ने की कोशिश की। यह सभी कार्यकर्ता धार्मिक नारेबाजी कर रहे थे और बजरंग दल के चिन्हों वाले कपड़े पहने हुए थे। कई कार्यकर्ताओं ने पहचान जाहिर न करने की कोशिश में अपना मुंह तक छिपाया हुआ था।

बजरंग दल  ने सामान्य तौर पर प्रदर्शन की जानकारी पुलिस को दी थी लेकिन यह प्रदर्शन कहीं से भी शांतिपूर्ण नहीं था। यहां पहुंचे लोगों ने  तोड़फोड़ शुरु कर दी। जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी।

इस मामले को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह कर्नाटक में उन्हें आतंकवादी संगठनों से जोड़ा गया है, वह उन्हें बर्दाश्त नहीं है। बजरंग दल के नेताओं ने कहा कि इस प्रदर्शन के बाद भी उनका विरोध जारी रहेगा।

पुलिस की भूमिका भी संगदिध बताई जा रही है। कहा जा रहा है पुलिस बजरंगदल के लोगों पर नरम थी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यदि कोई बदनियती से आए तो वे क्या कर सकते हैं।

https://twitter.com/BabelePiyush/status/1654075218409975808

इस मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि ‘आज जबलपुर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में घुसकर नारेबाजी और तोड़फोड़ की। इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि तोड़फोड़ करने वालों को रोकने में पुलिस ने कोई विशेष कार्यवाही नहीं की। मैं मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि क्या अब उनकी सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने सभी लोकतांत्रिक तरीके छोड़ दिए हैं और जनता के बीच पूरी तरह से पैर उखड़ने के बाद कांग्रेस पार्टी के ऊपर सीधा हमला करने का मन बना लिया है। मुख्यमंत्री जी, अगर आपकी लोकतंत्र में जरा भी आस्था है तो तोड़फोड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें और यह भी सुनिश्चित करें कि मध्यप्रदेश में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी कहना चाहता हूं कि उन्हें अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए।’

कर्नाटक चुनावों में बजरंग दल मुद्दा बनाया जा रहा है। कांग्रेस ने इसकी तुलना इस्लामिक अतिवादी संगठन पीएफआई से की और अपने मेनिफेस्टो में इस पर बैन लगाने की बात कही। इस पर भाजपा को एक नई बहस शुरु करने का मौका मिल गया। खुद पीएम नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों की शुरुआत आजकल बजरंगबली से कर रहे हैं।


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