महूः आकर्षक चित्रकारी से सुंदर दिखने लगीं शासकीय इमारतों की दीवारें


छावनी परिषद ने अपने स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत इन दीवारों का पहली बार सही उपयोग कर ना सिर्फ शहर को सुंदर दिखाने का प्रयास किया है बल्कि आम नागरिकों को संदेश भी दे रही है। इन दीवारों पर इंदौर के कलाकारों द्वारा आकर्षक चित्रकारी की जा रही है।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
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– अस्पताल पर कत्थक तो स्कूल की दीवार पर संदेश देते चित्र आ रहे नजर।
महू। शासकीय इमारतों की दीवारें लंबे समय से राजनीतिक पार्टियों व निजी कंपनियों के प्रचार के काम आ रही थी। इससे ये दीवारें ना सिर्फ भद्दी दिखती थीं बल्कि शहर की सुंदरता पर दाग जैसी नजर आती थी।

लेकिन, अब छावनी परिषद ने अपने स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत इन दीवारों का पहली बार सही उपयोग कर ना सिर्फ शहर को सुंदर दिखाने का प्रयास किया है बल्कि आम नागरिकों को संदेश भी दे रही है।

विगत एक माह से छावनी परिषद द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए तैयारियां आरंभ कर दी गई है। इसमें सबसे पहले शहर की शासकीय इमारतों का सही उपयोग किया जा रहा है।

इसमें अस्पताल, सीबी प्राइमरी बालक स्कूल, गर्ल्स स्कूल के साथ-साथ सिमरोल रोड रेलवे ओवरब्रिज व किशनगंज ओवरब्रिज शामिल है। इन शासकीय इमारतों का अब तक उपयोग राजनीतिक दल अपने नारे-प्रचार तथा निजी कंपनियां अपने उत्पादनों के प्रचार के लिए करती रही थीं, जो भद्दे लगते थे।

लेकिन, छावनी परिषद ने इन दीवारों का उपयोग अपने लिए करना शुरू कर दिया है जिसमें इंदौर के कलाकारों द्वारा आकर्षक चित्रकारी की जा रही है।

कलाकारों द्वारा अस्पताल की दीवार पर कत्थक नृत्य की रंगीन व आकर्षक चित्रकारी की गई है जबकि परिषद की स्कूल की दीवारों पर आकर्षक व संदेश देते चित्र उकेरे गए हैं जो दिखने में काफी सुंदर होने के साथ-साथ शहर को भी सुंदर बना रहे हैं।

परिषद का यह प्रयास काफी सफल साबित हो रहा है क्योंकि ना सिर्फ शहर के नागरिक बल्कि बाहर से आने वाले लोग भी इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। छावनी परिषद की सीईओ मनीषा जाट के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है।

यह फेर रहे मेहनत पर पानी – 

छावनी परिषद की इस मेहनत पर हालांकि कुछ लोगों द्वारा पानी फेरा जा रहा है। जिस चित्रकारी पर परिषद द्वारा मोटी रकम खर्च की जा रही ताकि शहर सुंदर दिखे। वहीं इन चित्रकारी के सामने कुछ लोगों द्वारा अपने निजी वाहन चौबीसों घंटे खड़े रखकर इसे छुपाया जा रहा है।

यही नहीं प्राइमरी स्कूल की जिस दीवार पर चित्रकारी की गई है, उस पर वहीं के रहने वालों द्वारा दिनभर कपड़े सुखाए जा रहे हैं या फिर भंगार वाहन खड़े किए जा रहे हैं।


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