इंदौर। महू वन्य क्षेत्र के एक वनपाल ने मंत्री ऊषा ठाकुर के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का एक आवेदन पुलिस को दिया है। यह आवेदन राम सुरेश दुबे नाम के वनपाल के द्वारा किया गया है। इस आवेदन के बाद पुलिस विभाग और वन विभाग दोनों के ही कार्रवाई के नाम पर हाथ-पांव फूले हुए हैं।
आवेदन के अनुसार आरोप है कि 10 जनवरी को वन क्षेत्र महू की बडगोंदा बीट के कक्ष क्रमांक 66 में अवैध रूप से खुदाई की जा रही थी और बिना स्वीकृति के ही मुरम निकालकर सड़क बनाने के लिए उपयोग की जा रही थी।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी क्रमांक एमपी 41 एचई 05 76 और ट्रैक्टर तथा ट्रॉली को जप्त कर प्रकरण कायम किया। उसके बाद वाहनों को वन परिसर में लाकर खड़ा कर दिया गया।
आवेदन के अनुसार 11 जनवरी को वनरक्षक जुहार सिंह के द्वारा सूचना दी गई कि मंत्री उषा ठाकुर, मनोज पाटीदार, सुनील यादव, अमित जोशी, वीरेंद्र आंजना, सुनील पाटीदार, प्रदीप पाटीदार, सूरज सिंह के साथ करीब 15 से 20 लोग वन परिसर में जबरन घुसे और जेसीबी तथा ट्रैक्टर-ट्रॉली को अपने साथ ले गए।
वन पाल रामसुरेश दुबे ने इस मामले में मंत्री सहित सभी लोगों पर एफ आई आर दर्ज कर जेसीबी ट्रैक्टर और ट्रॉली बरामद करने का आवेदन बड़गौंदा पुलिस को दिया है।
इस मामले में वन विभाग के एसडीओ आरके लहरी का भी कहना है कि इस तरह का आवेदन वनपाल द्वारा दिया गया है उन्होंने कहा कि कर्मचारी के अनुसार मंत्री उषा ठाकुर और उनके साथ आए कुछ लोग अंदर वन्य कार्यालय के परिसर में आए और जब्त सामान जबरदस्ती उठाकर ले गए। लहरी के अनुसार मामले की जांच की जा रही है और आगे का कदम उसी पर आधारित होगा।
इस मामले में मंत्री उषा ठाकुर से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका। मंत्री आज केरल की यात्रा पर हैं। इससे पहले ठाकुर सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र महू में ही थी और उन्होंने यहां कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। इसके बाद रात को उनके वन्य कार्यालय जाने की खबर आई।