महू। ममता बनर्जी ने हमेशा से ही अल्पसंख्य तुष्टिकरण की राजनीति की है इसलिए वह दूसरों के लिए भी ऐसा ही सोचती और कहती हैं। फटे कपड़े पहनना हमारी संस्कृति में नहीं है। इसे गरीबी और अपशगुन कहा गया है।
यह बात प्रदेश की मंत्री व स्थानीय विधायक उषा ठाकुर ने चर्चा करते हुए कही। उषा ठाकुर गुरुवार की दोपहर को शासकीय अस्पताल में चल रहे वैक्सीन सेंटर को देखने पहुंची।
यहां पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम हर गांव व बूथ-बूथ जाकर नागरिकों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। इसे एक अभियान के रूप में चलाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ लें।
फटी जींस के सवाल पर उन्होंने कहा कि फटे कपड़े पहनना शोभा नहीं देता। यह हमारी संस्कृति में नहीं है। हमारे बड़े यही कहते थे कि फटे कपड़े पहनना दरिद्रता की निशानी है। यह एक प्रकार का अपशगुन होता है। जीवन के सुख-दुख हमारी संस्कृति से जुड़े हैं। जो संस्कृति को नहीं मानते उनके जीवन के बारे में वे जिम्मेदार हैं।
बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनजी द्वारा भाजपाइयों को तिलकधारी गुंडे कहने के सवाल पर उषा ठाकुर ने कहा कि उनके बारे में क्या कहें। उन्होंने हमेशा से ही अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति व देश में गुडांगर्दी की है। वह इससे ज्यादा और क्या कर सकती हैं।
वैक्सीन केंद्र के निरीक्षण के दौरान उषा ठाकुर पूरे समय मुंह ढंकी हुईं दिखीं लेकिन उनके समर्थकों ने शारीरिक दूरी नियम का पूरी तरह उल्लंघन किया।
मंत्री के पास खड़े रहने व फोटो खिंचवाने की होड़ में सभी नेता व कार्यकर्ताओं ने इस नियम को ताक पर रख दिया। मंत्री ठाकुर ने भी यह निरीक्षण मात्र पंद्रह मिनट में पूरा कर लिया।