- सरकारी कर्मचारी और आंगनवाडी कार्यकर्ता से डलवाए गए मत
- ग्राम छाल्पीखुर्द पंचायत के ग्राम सिंघखेड में सडक निर्माण और समस्याओं को लेकर आक्रोष ,जनपद सीईओ को वापस लौटाया
खंडवा। ग्राम पंचायत छाल्पीखुर्द अंतर्गत आने वाले सिंघखेड गांव के मतदाताओं ने स्थानीय समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर चुनाव में मतदान का बहिष्कार कर दिया है। मतदान शुरू होने के बाद से आज सुबह 10.30 बजे तक एक भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया था।
ग्राम की आंगनवाडी कार्यकर्ता और अन्य सरकारी कर्मचारियों से पांच मत डलवाए गए है। यहां कुल 171 मतदाता हैं। हरसूद जनपद के सीईओ प्रवीण इवने गांव वालों को समझाने पहुंचे थे। उन्हें ग्रामीणों ने बैरंग लौटा दिया।
इसी तरह पुनासा क्षेत्र के पामाखेडी पंचायत अंतर्गत आने वाले टिटवास में भी अभी तक मतदाताओं ने मतदान नहीं किया है। यहां 10 बजे तक मात्र एक मत डलने की सूचना है। रिटर्निंग अधिकारी और एसडीएम पुनासा सीएस सोलंकी ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से इस प्रकार की पूर्व में कोई सूचना या जानकारी नहीं मिली है। चर्चा कर समस्या का निराकरण करने की कोशिश की जा रही है।
सिंधखेड की समस्याओं और विकास कार्यो की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामवासियों ने हस्ताक्षर कर एक ज्ञापन और वीडियो भी सोमवार को जारी किया था। इसमें चुनाव के बहिष्कार के लिए अधिकारियों के साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जगदीश राव सहित अन्य ग्रामीणों का आरोप है कि सिंघखेड में एक भी आंतरिक रोड सीमेंट कांक्रीट का नहीं बना है। ऐसे में कीचड में आवाजाही से लोग परेशान है। ग्राम में पेयजल समस्या है पानी की टंकी नहीं होने से नल जल योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। इसी तरह ग्राम में पीएम आवास योजना का लाभ एक भी गरीब व्यक्ति नहीं मिला है।
गांव के बीच से नाला बहने से गांव दो हिस्सों में बंटा है। नाले पर रपटा निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है। गांव में कई शौचालय अधूरे पड़े है। करीब डेढ़ साल से सिंधखेड में तालाब निर्माण की पूरी राशि खर्च हो चुकी है लेकिन काम अधूरा है। इन समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिए जाने तथा आए दिन होने वाली परेशानियों को देखते हुए ग्रामीणों ने बहिष्कार का सामूहिक निर्णय लिया है।
किल्लौद ब्लॉक की पामाखेड़ी ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले टिटवास में भी ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है। स्थानीय समस्याओं को लेकर आक्रोशित ग्रामीण हर बार चुनाव में आश्वासन मिलने के बाद कोई पलट कर नहीं आने की बात कह रहे हैं।