– किसानों की समस्याओं के विरोध में कांग्रेस ने किया जोरदार प्रदर्शन।
महू। कितना हास्यस्पद है कि प्रदेश की मंत्री के ही विधानसभा क्षेत्र के हजारों किसान जय जवान फसल ऋण माफी योजना से वंचित हैं, जिस कारण इनको ना तो बैंक से ऋण मिल रहा है और ना ही किसान अगली फसल लगाने के लिए तैयार हैं जबकि जिले की अन्य तहसीलों के विधायकों ने अपने प्रयासों से किसानों को इसका लाभ दिलवा दिया।
तहसील के सैकड़ों किसानों ने शनिवार को तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन कर प्रदेश की मंत्री और स्थानीय विधायक उषा ठाकुर के नाम एक ज्ञापन एसडीएम अभिलाष मिश्रा को दिया।
पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि महू तहसील के हजारों किसानों को जय किसान फसल ऋण माफी योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया जबकि पूर्व की कमलनाथ सरकार ने जिले की चारों तहसीलों के लिए राशि स्वीकृत की थी।
ज्ञापन में बताया गया कि राउ विधायक जीतू पटवारी, सांवेर विधायक तुलसी सिलावट और देपालपुर विधायक विशाल पटेल ने अपने क्षेत्र के किसानों को इस योजना का लाभ दिलवा दिया, लेकिन स्थानीय विधायक उषा ठाकुर की उदासीनता के कारण महू के किसान आज तक परेशानी उठा रहे हैं।
इसके कारण यहां के किसानों का बैंक में ओवरड्यू हो गया जिस कारण बैंक उन्हें ऋण नहीं दे रही है। आर्थिक परेशानी के कारण किसान अगली फसल के लिए तैयारी नहीं कर पा रहे हैं।
जहां मुसाफिर बनकर ठहरी वहीं परेशानी –
दरबार ने बताया कि को-ऑपरेटिव राउ शाखा में तीन सोसायटी रंगवासा, राउ व पिगडंबर है। राउ व रंगवासा सोसायटी के किसानों का ऋण माफ हो गया। सिर्फ महू के पिगडंबर के किसानों का नही हुआ। दरबार ने बताया कि चुनाव के दौरान उषा ठाकुर पिगडंबर में एक मुसाफिर बन कर ठहरी थीं। वहीं के किसान इसका शिकार हुए हैं। इस ज्ञापन के साथ इस योजना से वंचित किसानों की सूची भी सौंपी गई है।
विशाल रैली निकाली –
इसके पूर्व अंतरसिंह दरबार व जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव के नेतृत्व में ड्रीमलैंड से एक विशाल पैदल रैली निकाली गई जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई तहसील कार्यालय तक गई। रास्ते भर किसानों के समर्थन में नारेबाजी की गई।
यहां पर सदाशिव यादव ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भी एक ज्ञापन एसडीएम मिश्रा को सौंपा। जिसमें कृषि बिल को वापस लेने की मांग की गई है। इस प्रदर्शन में अशोक सैनी, अहसान पटेल, रामेश्वर पटेल, हुकुमसिंह आंजना, यदुनंदन पाटीदार, अजय वर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता व किसान शामिल हुए।