इंदौर। देवी अहिल्या बाई विवि में एक ख़ास छात्रा ने दाख़िला लिया है। यह छात्रा केवल तेरह साल की है और इसका नाम इंडिया बुक ऑफ अवॉर्ड में दर्ज है। कुलपति और उच्च शिक्षा विभाग ने इस उम्र में विश्वविद्यालय में दाख़िले के लिए खास अनुमति दी है। वे मनोविज्ञान विषय में बीए करेंगी।
इंदौर के एरोड्रम इलाके में रहने वालीं तेरह साल की तनिष्का ने ग्यारह साल की उम्र में 10वीं और बारह साल की उम्र में बारहवीं पास की है। उनके नाम यह रिकार्ड है। तनिष्का डीएवीवी के तक्षशिला परिसर के स्कूल ऑफ लाइफ लांग लर्निंग की पढ़ाई कर रहीं हैं।
तनिष्का के पिता सुजीत का कुछ महीनों पहले कोरोना काल में ही निधन हुआ था और वे फिलहाल अपनी मां अनुभा के साथ रहती हैं। पिता का सपना था कि तनिष्का वकील और जज बनें लेकिन कम उम्र में उन्हें कानून की पढ़ाई के लिए अनुमति नहीं मिली। हालांकि वे बाद में इसके लिए प्रयास करती रहेंगी।
वे कहती हैं कि अगर उन्हें वकालत की पढ़ाई में दाख़िला मिलता है तो दस गुना ज्यादा मेहनत करेंगी। तनिष्का के पास एक और काबिलियत है कि वे आंखों पर पट्टी बांधकर भी लिख और पढ़ सकती हैं।
इतनी कम उम्र में तनिष्का के विश्वविद्यालय में दाख़िले की खबर लोगों के लिए हैरान करने वाली है लेकिन उनकी पढ़ाई बेहद व्यवस्थित रही है। उन्होंने केवल ढाई साल की उम्र में नर्सरी से पढ़ाई शुरू की थी और साढ़े आठ साल की होने तक वे पांचवी पास कर चुकी थीं।
इसके बाद उन्होंने घर पर ही रहकर पढ़ाई की। इसके बाद ग्यारह साल की उम्र में उन्होंने मालवा कन्या शाला से 10वीं का प्राइवेट फाॅर्म जमा कर परीक्षा दी और फर्स्ट डिवीजन में पास भी हुईं। इतनी कम उम्र में दसवीं पास होने पर उन्हें इंडिया बुक ऑफ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।