नागरिकों की पहल रंग लाई, महू छावनी में सैन्य प्रशासन ने खोलना शुरु किए आम रास्ते


महू छावनी में सैन्य प्रशासन के द्वारा सैन्य क्षेत्र से होकर गुजरने वाले कई आम रास्ते बंद कर दिए गए थे। जिससे नागरिकों को खासी परेशानी हो रही थी। इसके बाद काफी प्रयास किए गए और अब सैन्य प्रशासन ने लोगों की समस्याओं को समझकर रास्ते खोलने शुरु किए हैं।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
महू में मॉल रोड से जुड़ने वाले आम रास्ते खोले जा रहे


इंदौर। महू छावनी में आम नागरिकों के लिए सैन्य क्षेत्र से होकर जाने वाले आम रास्ते अब खुलने शुरु हो गए हैं। पिछले आठ महीने से इन रास्तों को स्थानीय सैन्य प्रशासन के द्वारा बंद किया गया था। इसके फैसले के खिलाफ़ आम लोगों की मुहिम चलाई जो अब रंग ला रही है। लोगों ने लगातार विरोध कर इन रास्तों को खुलवाने में अहम भूमिका निभाई है हालांकि अभी सभी रास्ते नहीं खुले हैं लेकिन लोगों को उम्मीद है कि सैन्य प्रशासन जल्द ही सकारात्मक फैसला लेगा। वहीं स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व इस विषय को लेकर उदासीन ही रहा है।

महू के मॉल रोड पर मिलने वाले इन रास्तों में से कुछ को अब सैन्य प्रशासन ने खोल दिया है। यहां लगाए गए बैरिकेड्स और कटीले ताल हटा दिए गए हैं। लगातार बंद रहने के बाद जब देश में अनलॉक किया जाना शुरु हुआ तो महू के नागरिकों ने भी इन रास्तों को खोले जाने की मांग की थी लेकिन सैन्य प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद पिछले करीब दो महीनों से नागरिक इसे लेकर अपना विरोध जताने लगे।

स्थानीय पत्रकार दिनेश सोलंकी ने इसकी मज़बूत पहल की। उन्होंने अपनी इस मांग के साथ जनसर्मथन जोड़ने का प्रयास किया। इस बीच शर्म करो नाम का एक नाटक भी तैयार किया गया। जिसके माध्यम से सैन्य प्रशासन को स्थानीय लोगों को हो रही परेशानियों के बारे में बताने की कोशिश की गई।

सोलंकी बताते हैं कि अब तक चार रास्ते खोल दिए गए हैं लेकिन चना गोदाम वाला रास्ता आज भी बंद ही है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि इसे भी जल्द खोला जाएगा। हालांकि सैन्य प्रशासन के द्वारा कोरोना संक्रमण के चलते इन रास्तों को बंद किया था लेकिन रास्ते बंद करने का निर्देश किसका था और अब किसके निर्देश पर इन्हें खोला जा रहा है इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है। इस संबंध में कोई बात करने को भी तैयार नहीं है।

इस बारे में स्थानीय प्रशासन औऱ राजनीतिक नेतृत्व उदासीन ही रहा। तो वहीं पत्रकार दिनेश सोलंकी ने मजबूती की के साथ जनहित के इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने इस बारे में कई अधिकारियों और नेताओं से भी बात की हालांकि सबसे महत्वपूर्ण पहले खुद सोलंकी की ही रही।

दिनेश सोलंकी, स्थानीय पत्रकार

नागरिकों ने बताया कि लॉक डाउन के समय जब लोग घर से ही बाहर नहीं निकल रहे थे तब सैन्य क्षेत्र में जाने का भी सवाल नहीं था। ऐसे में रास्ते बंद करने वाला फैसला समझ से बाहर था वहीं अनलॉक होने के बावजूद भी इन रास्तों को न खोलना परेशान करने वाला रवैया रहा। हालांकि अब नागरिक सैन्य प्रशासन से सहयोग की अपील कर रहे हैं।

देश की कई छावनी क्षेत्रों में सैन्य प्रशासन द्वारा अब तक कई रास्तें बंद कर दिए गए थे। जिससे लोगों को खासी परेशानी होती थी। इस बारे में दो वर्ष पहले तत्कालीन रक्षा मत्री सीतारमण ने  सैन्य प्रशासन  द्वारा इन रास्तों को खोलने के लिए कहा था। इसके बाद महू सहित लगभग सभी छावनियों में यह रास्ते खोल दिए गए थे।

 


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