मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ़ शिकायत के मामले में जांच के लिए भोपाल से महू पहुंचा दल


आड़ा पहाड़ में जांच करने के बाद अधिकारी पर्यटन केंद्र चोरल डेम चले गए और यहां के रिसार्ट में काफी देर तक रुके। बताया जाता है कि यहां कई नेता भी मौजूद रहे और अधिकारियों से मिलने की कोशिश की हालांकि अधिकारी यहां उनसे मिलने से बचते नजर आए।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। मंत्री उषा ठाकुर पर वन विभाग के वनवाल राम सुरेश यादव के द्वारा सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप के बाद भोपाल से सीसीएफ की टीम महू पहुंची। इस टीम ने बड़गौंदा वन्य परिसर के आड़ा पहाड़ इलाके के उस स्थान पर जाकर जांच की जहां अवैध खनन किया जा रहा था। जिसकी शिकायत पर वन विभाग के वनपाल राम सुरेश यादव ने जाकर कार्रवाई की और उत्खनन करने वाली जेसीबी और ट्रैक्टर तथा ट्रॉली को जब्त कर लिया था।

वन विभाग के अधिकारियों ने काफी देर तक वन्य सीमा के नक्शे का मुआयना किया। अधिकारियों ने मीडिया से कोई बात करने से इंकार कर दिया लेकिन सूत्रों की मानें तो अब यह देखा जा रहा है कि जिस स्थान पर उत्खनन का मामला बनाया गया था वह वन्य सीमा में है भी या नहीं।

इस दौरान अधिकारियों ने कुछ देर तक मंत्री उषा ठाकुर और उनके सर्मथकों की शिकायत करने वाले वन पाल राम सुरेश दुबे से भी बात की। हालांकि इनके बीच क्या बात हुई यह साफ नहीं है लेकिन बताया जाता है कि राम सुरेश दुबे अब तक अपने आरोपों पर कायम हैं। उनके खिलाफ जो एक मात्र बात जाती है वह यह है कि उन्होंने अपने विभाग के पत्र को सोशल मीडिया पर डाल दिया और मंत्री उषा ठाकुर की बदनामी हो गई।

आड़ा पहाड़ में जांच करने के बाद अधिकारी पर्यटन केंद्र चोरल डेम चले गए और यहां के रिसार्ट में काफी देर तक रुके। बताया जाता है कि यहां कई नेता भी मौजूद रहे और अधिकारियों से मिलने की कोशिश की हालांकि अधिकारी यहां उनसे मिलने से बचते नजर आए।

उल्लेखनीय है कि राम सुरेश दुबे ने शिकायत की थी मंत्री उषा ठाकुर अपने सर्मथकों के साथ वन विभाग कार्यालय में आईं और यहां  जब्त कर लाए गए वाहनों को जबरदस्ती ले गईं। वनपाल ने इसकी शिकायत पुलिस से की।

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हालांकि बाद में वनविभाग ने नया आवेदन बनाया और मंत्री ठाकुर का नाम उसमें से हटा दिया। अगर नाम नहीं हटाया जाता तो मंत्री के खिलाफ भी डकैती और शासकीय कार्य में बाधा डालने से जैसे गंभीर मामले दर्ज हो सकते थे।

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शिकायतकर्ता  रामसुरेश दुबे के खिलाफ पुरानी शिकायतों को आधार बनाकर भी उनके खिलाफ़ कार्रवाई की चर्चाएं हो रहीं हैं। यह शिकायतें लगातार खबरों में बनी हुई हैं। पिछले साल मुकेश यादव नाम के आवेदक के द्वारा की गई इन शिकायतों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई थी लेकिन संभव है इस बार रामसुरेश यादव पर विभागीय कार्रवाई कर दी जाए। हालांकि इस बारे में किसी विभागीय अधिकारी ने अब तक कोई बात नहीं की है।

 

 

 


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