इंदौर। देश के खिलाफ देशद्रोह करने व षड्यंत्र रचने के 12 साल पुराने मामले में प्रतिबंधित संगठन सिमी के दो आतंकियों को जिला कोर्ट ने मंगलवार को तीन-तीन साल के कठोर कारावास की सजा के साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी आदेश दिया है।
20 अक्टूबर 2009 को आतंकवाद रोधी दस्ता इंदौर में पदस्थ उपनिरीक्षक चंद्रशेखर को खबर मिली थी कि ईरान वाले बाबा की मजार के पीछे खजराना क्षेत्र में मोहम्मद यूनुस पुत्र मोहम्मद साबिर निवासी बेगमबाग कॉलोनी, उज्जैन (वर्तमान पता मदीना नगर, इंदौर) और मोहम्मद शफीक पुत्र अब्दुल बारी निवासी फाजलपुरा, उज्जैन (वर्तमान पता मुकद्दस नगर, भोपाल) अन्य लोगों के साथ मौजूद है।
इन पर आरोप लगाए गए थे कि ये दोनों आरोपी दो संप्रदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने और देश की एकता व अखंडता खंडित करने का प्रयास और आतंक का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
उनके द्वारा बोले गए शब्दों और लिखे गए दस्तावेजों के जरिये धर्म और जाति के आधार पर दो संप्रदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने व शांति-व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके बाद ही इन दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला कायम किया था और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण साक्ष्य लगे थे, जिनके आधार पर कोर्ट में उन्हें सजा सुनाई गई।