लॉकडाउन के साइड इफेक्टः ठगी करने वाले हो गए सक्रिय, फोन पर मिनटों में लोन देने का दे रहे झांसा


कुछ ही देर में लोन देने का झांसा देकर ये लोग प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज के नाम पर ठगी कर रहे हैं।   


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। बीते साल लॉकडाउन के बाद लोगों के व्यापार और रोज़ीरोटी के लिए कामकाज के दूसरे साधनों पर असर काफी असर पड़ा था। इसके बाद लोन देने वाली कंपनियां खासी सक्रिय हो गईं थी। ऐसा ही कुछ हाल इस बार भी देखने को मिल रहा है। हालांकि इस बार ठगी करने वाले भी सक्रिय हो चुके हैं। कुछ ही देर में लोन देने का झांसा देकर ये लोग प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज के नाम पर ठगी कर रहे हैं।

इंदौर क्राइम ब्रांच ने जूना रिसाला के रहने वाले जगदीश देशमुख की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। फरियादी ने बताया कि वे काफी पहले से लोन लेने का प्रयास करते रहे हैं, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी। अब उन्हें दो महीने पहले फोन आया था कि उनके खाते पर उन्हें होम लोन दिया जा रहा है।

यह लोन उनके खाते पर हुए लेन-देन को देखते हुए दिया जा रहा है। एजेंट ने फोन पर कहा कि उनकी ब्रांच उज्जैन में है। वे उज्जैन बैंक से लोन दिलवा देंगे। इस पर जगदीश मान गए। एजेंट ने पासबुक, पेनकार्ड, आधार कार्ड और छह महीने का अकाउंट स्टेटमेंट ले लिया।

इसी कथित संस्था से कुछ दिन बाद फोन आया कि जगदीश का लोन हो चुका है, लेकिन इससे पहले उन्हें फाइल चार्ज जमा करना होगा। इसके बाद लोन दिया जाएगा। एजेंट ने राष्ट्रीयकृत बैंक के नाम से फर्जी लिंक भेजी, जिसमें डेबिट या क्रेडिड कार्ड से पेमेंट करना था।

जगदीश ने इस लिंक पर 5400 रुपये जमा कर दिए। इसके तीन दिन बाद एजेंट के अधिकारी का फोन आया और उसने कहा कि लोन नहीं हो सकता। इनकम कम है और खाते में रुपये नहीं हैं।

इसके बाद अधिकारी ने लोन देने से मना करते हुए फोन रख दिया। इसके बाद जगदीश ने जब भी उस एजेंट या अधिकारी को फोन किया तो दोनों का फोन बंद ही आया। जब वे उज्जैन गए और वहां पता किया तो पता चला कि उनके बैंक ने ऐसी कोई योजना नहीं निकाली है।


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