इंदौर। भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग की इकाई, राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र यानी इंदौर के RRCAT में सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम ऑनलाइन तरीके से आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर वर्ष 28 फरवरी को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसी दिन 1928 में सर सी. वी. रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी, जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । इस वर्ष, भारत सरकार ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की विषयवस्तु “भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण” की घोषणा की है।
आरआरकेट में समारोह का आयोजन केन्द्र के निदेशक डॉ. शंकर वी. नाखे के नेतृत्व में किया जाएगा। डॉ. शंकर एक जानेमाने तकनीकज्ञ और वैज्ञानिक प्रशासक हैं। ऑनलाइन समारोह में भाग लेने के लिए इन्दौर और आसपास के क्षेत्र के लगभग 100 विद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों और शिक्षकों को आमंत्रित किया गया है।
संस्थान में आयोजन कार्यक्रम से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि सोमवार को होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग एक हजार छात्र, शिक्षक और आमंत्रित अतिथिगण सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
समारोह में विभिन्न विज्ञान और इंजीनियरिंग की मूल अवधारणा को प्रदर्शित करने वाली प्रस्तुतियाँ और चलचित्र शामिल होंगे विशेष रूप से राराप्रप्रौके, इन्दौर में की जा रही गतिविधियों के लिए प्रासंगिक लेसर, एक्सेलेरेटर्स, क्रायोजेनिक्स, अतिचालकता, उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों और कई अन्य संबंधित प्रौद्योगिकियों के सिद्धांत और अनुप्रयोगों के प्रदर्शन शामिल होंगे।
समारोह का मुख्य आकर्षण केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और इंजीनियर विशेषज्ञों के पैनल के साथ विद्यार्थियों एवम् विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के लिये ऑनलाइन वार्तालाप सत्र होंगे, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा से संबंधित छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करेंगे ।