इंदौर। विवादित कृषि कानूनों का विरोध लगातार जारी है। इंदौर में नए साल के पहले दिन भी इसे लकर प्रदर्शन किया गया। यहां अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर किसानों और उनसे जुड़े संगठनों ने संकल्प दिवस मनाया।
इस मौके पर लक्ष्मी नगर मंडी में संकल्प दिवस सभा और प्रदर्शन किया। यहां उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं और किसानों ने संकल्प लिया कि तीनों किसान कानून रद्द किए बगैर आंदोलन वापस नहीं होगा। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के साथ ही पूरे मध्यप्रदेश में आंदोलन तेज किए जाने का संकल्प भी लिया गया तथा संविधान की उद्देशिका का भी वाचन हुआ।
इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की इंदौर इकाई, किसान खेत मजदूर संगठन, किसान संघर्ष समिति और एटक ने संयुक्त रूप से किया था । सभा में बड़ी संख्या में किसान और मंडी के हम्मालों ने भी भागीदारी की।
सभा को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को आखिरकार किसानों के आंदोलन के आगे झुकना ही पड़ा है किसान आंदोलन की दो मांगों को मान लिया गया है लेकिन अभी मुख्य मांगे बाकी हैं और इन्हें भी सरकार को मानना ही होगा। यदि सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इस संकल्प सभा में रामस्वरूप मंत्री, रूद्र पाल यादव, एसके दुबे, प्रमोद नामदेव, अजीत पंवा , प्रवीणअजमेरा आदि वक्ताओं ने संबोधित किया ।प्रदर्शन और सभा में छेदी लाल यादव भारत सिंह यादव, सुमित सोलंकी, अर्जुन राठौर, दीक्षा, सौम्या सिंह सहित कई सदस्य शामिल रहे।