इंदौर। शहर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के रुक्मणि नगर में गुरुवार को हुए एसएएफ के जवान ज्योति प्रसाद शर्मा और उनकी पत्नी नीलम शर्मा की हत्या में शामिल बेटी को इंदौर पुलिस जांच के लिए लेकर शनिवार को मंदसौर पहुंची थी।
लड़की की निशानदेही पर जिस होटल में वह अपने प्रेमी के साथ रुकी थी, वहां से लड़की का बैग बरामद किया गया है। बैग में एक पत्र मिला है, जिसे लड़की का प्रेम पत्र बताया जा रहा है।
इसमें लिखा है कि हम अपने बीच किसी को नहीं आने देंगे। इसी से अंदाजा लग रहा है कि लड़की अपने प्रेमी डीजे के इश्क में कितनी पागल थी। पुलिस की पकड़ में आने के बाद दोनों ने हत्या की यह जघन्य वारदात कबूल कर ली है।
उनका कहना है कि हत्या का षड्यंत्र दो दिन पहले से ही बन रहा था। प्रेमी डीजे तो 21 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर है, जबकि बेटी को नाबालिग होने के कारण बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
प्रेमिका से अलग होने के बाद से डीजे दिनभर गुमसुम बैठा रहा। उसने पुलिस वाले से केवल एक बात पूछी कि क्या लड़की को जमानत मिल गई है। लड़की ने पुलिस को बताया है कि वह डीजे बहुत प्यार करती है।
वे कुछ समय पहले मोहल्ले में ही आते-जाते मिले और यहीं से दोस्ती प्यार में बदल गई। यह बात मेरे परिवार को पता चल गई। वे डीजे से मिलने से मुझे रोकते थे। इसके बाद भी हम मिलते रहे।
दो दिन पहले हमें उन्होंने साथ में देखा और डीजे की पिटाई कर दी। मुझे भी उनका गुस्सा झेलना पड़ा। यहीं से हमारे मन में साथ रहने और परिवार से दूर जाने का ख्याल आया क्योंकि पिता पुलिस में हैं इसलिए डर था कि यदि भागे तो वे हमें खोज लेंगे और हमें मारेंगे। इसी कारण डीजे ने जब प्लानिंग बताई, तो मैं उसके साथ हो गई।
इसके बाद हमने प्लान किया कि नींद की गोली खिलाकर वारदात को अंजाम देंगे, लेकिन मेडिकल से गोलियां नहीं मिल पाईं। इसके बाद डीजे दूसरी गोली लेकर आया और शाम को मुझे दे गया। मैंने रात में गोलियां खाने में मिला दी।
डीजे ने हत्या के लिए पहले ही 500 रुपये में एक हथियार खरीद लिया था। रात साढ़े 3 बजे जब दोनों गहरी नींद में थे तभी मैंने डीजे को फोन कर बुला लिया। इसके बाद डीजे आया और बाहर वाले कमरे में सो रही मां को पहले हमने मारा। मां की चीख सुन पिता उठ गए और बाहर आते ही डीजे ने उन पर भी हमला कर मौत के घाट उतार दिया।