महू। करीब सात साल बाद एक बार फिर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जनपद कार्यालय में आरक्षण प्रक्रिया पूरी की गई जिसमें इस बार ओबीसी और एससी को गत चुनाव के आरक्षण की तुलना में नुकसान हुआ जबकि एसटी को लाभ हुआ है।
अठहत्तर पंचायतों में ओबीसी को मात्र 4, एसटी को 26, एससी को 9 तथा शेष सामान्य के खाते में गई हैं। बता दें कि महू में चुनाव 76 पंचायतों में ही होंगे।
जनपद कार्यालय परिसर में एसडीएम अक्षत जैन, तहसीलदार अभिषेक शर्मा व जनपद सीईओ हेमेंद्र सिंह चौहान की मौजूदगी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरपंच पद के लिए आरक्षण किया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस व भाजपा के नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे। सुबह नौ बजे से शुरू हुई यह प्रक्रिया देर रात तक चली। सरपंच पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया दोपहर एक बजे संपन्न हो गई जबकि पंच पदों के लिए रात दस बजे तक कार्य चलता रहा।
सरपंच पद के लिए हुए आरक्षण में कई उलटफेर भी हुए। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पचास प्रतिशत आरक्षण किया गया जिसमें एसटी को 33.33 प्रतिशत, एससी को 11.54 व ओबीसी वर्ग को 5.13 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
आरक्षण महू जनपद की सभी 78 पंचायतों के लिए किया गया जबकि चुनाव 76 पंचायतों में ही होंगे। इसमें एसटी के खाते में 26, एससी के खाते में 9 तथा ओबीसी के खाते में मात्र 4 सीटें ही गईं। शेष 39 सामान्य वर्ग के लिए रहेंगी।
बता दें कि गत चुनाव में एसटी को 20 प्रतिशत, एससी को 16 प्रतिशत व ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला था। इस बार जनपद अध्यक्ष अनुसूति जाति वर्ग का होगा। उल्लेखनीय है कि यह चुनाव सात साल बाद होंगे। इसके पूर्व पंचायत चुनाव वर्ष 2014 में हुए थे।
बड़ी पंचायतों की स्थिति
महू में बड़ी पंचायतें माने जाने वाली पंचायतों में गुजरखेडा अनुसूचित जाति महिला, भगोरा अनुसूचित जाति महिला, कोदरिया अनुसूचित जनजाति मुक्त, गवली पलासिया अनारक्षित मुक्त, सिमरोल अनारक्षित महिला, हरसोला अनारक्षित मुक्त, मेण अनारक्षित मुक्त, दत्तोदा अनारक्षित मुक्त, हरनियाखेडी अनारक्षति मुक्त, पिगडंबर अनारक्षित मुक्त, सातेर किशनगंज अनारक्षित मुक्त, बंजारी अनुसूचित जाति महिला, जामली अन्य पिछड़ा वर्ग महिला है।