भाई को राखी भेजने के लिए बहिनें आज भी डाकघर पर ही कर रहीं भरोसा, कर्मचारियों पर चार गुना बढ़ गया भार


स्टाफ की कमी से जूझ रहा है विभाग, एक अतिरिक्त काउंटर खोला


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

त्यौहारों के अवसर पर डाक विभाग का काम कई गुना बढ़ जाता है लेकिन स्टाफ की कमी होने के इसका खामियाजा आम नागरिकों का भुगतना पड़ रहा है।  इंटरनेट के इस दौर में कई लोग डाक विभाग को लगभग भूल से गए हैं लेकिन देश के इस सबसे पुरानी सरकारी संचार सेवा की उपयोगिता आज भी है। डाकिया आज भी लोगों को त्यौहारों के वक्त खुशी देता है और राखी भेजने के लिए भले ही कई ऑनलाइन प्लेटफार्म खुल गए हों लेकिन भाई को खुशी तब ही होती है जब उसकी बहन के हाथों से लिफाफे में करीने से रखी गई राखी उस तक पहुंचती है। भारत का डाकघर आज भी यह काम अच्छी तरह कर रहा है।

महू के डाकघर में मिली रश्मि काफी देर से लाइन में लगी हुई हैं। वे हर साल अपने भाई को इसी तरह राखी भेजने के लिए पोस्ट ऑफिस आती हैं और इसी तरह लाइन में लगती हैं। वे कहती हैं कि उन्हें इसी तरह राखी भेजना अच्छा लगता है क्योंकि इस तरह वे महसूस करती हैं कि उनके हाथ से छुई हुई राखी भाई की कल्हाई पर सज गई है।

डाकघर महू

रश्मि जैसी बहिनों की यही भावना डाक सेवा और खास बना देती है। डाकघर में रश्मि की तरह कई महिलाएं आ रहीं हैं ज्यादातर इसी तरह राखी भेजने के लिए। इस समय महू के डाकघर का काम करीब चार गुना बढ़ गया है लेकिन कर्मचारी यहां पहले से ही कम हैं ऐसे में यहां मौजूद कर्मचारियों पर काफी ज्यादा दबाव है।

महू डाकघर में भीड़

महू के इस डाकघर में आम दिनों में स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री 100 से 150 के करीब होती थी लेकिन पिछले एक सप्ताह से राखी पर्व के कारण या संख्या 400 से अधिक हो गई है। जबकि स्टाफ वही है। इस विभाग में 18 से 20 कर्मचारियों की आवश्यकता है लेकिन मात्र 6 कर्मचारी ही सेवाएं दे रहे हैं कुछ कर्मचारी ट्रेनिंग व अन्य स्थानों पर अटैच कर दिए गए हैं।

तहसील में एक मुख्य पोस्ट ऑफिस कार्यालय व चार सब डिविजनल ऑफिस है इतने कम स्टाफ के कारण कर्मचारी काम तो करते हैं लेकिन काम की अधिकता के कारण उनके स्वास्थ्य पर भी यह असर पड़ने लगा है । स्टाफ की कमी का सबसे ज्यादा खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है जो मात्र एक स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री करने के लिए इन दिनों लंबी लाइन में खड़ा होकर अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं जिसमें कम से कम एक से डेढ़ घंटा लग जाता है। राखी के पर्व तथा यहां के भीड़ को देखते हुए जिला अधिकारियों के निर्देश पर एक अतिरिक्त काउंटर खोल दिया गया है जिस कारण नागरिकों को कुछ राहत मिलने लगी है

जबकि आम नागरिक कहना है कि निजी कूरियर एजेंसी तो बहुत है लेकिन विश्वास डाकघर पर ही जाता है क्योंकि यहां से भेजे जाने वाला सामान सुरक्षित तरीके से पहुंच जाता है। इस संबंध में बहुत डाक विभाग के प्रभारी मनोरंजन चौहान का कहना है कि स्टाफ की कमी है और त्योहारों के समय में कम  बढ़ जाता है फिर भी पूरा स्टाफ अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है जिला कार्यालय के निर्देश पर हमने एक अतिरिक्त काउंटर और खोल दिया है राखी के कारण जिससे आप काफी राहत मिलने लगी है।


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