पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार को सता रही कांग्रेस की याद, मांग रहे हिसाब


महू में राहुल गांधी के कार्यक्रमों से जुड़े खर्च को लेकर विवाद बढ़ गया है। पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने कांग्रेस पर तीन आयोजनों का भुगतान न करने का आरोप लगाया और 25 जनवरी को धरने का ऐलान किया।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
Mhow's Congress leader Antar Singh Darbar, Deshgaon News
अंतर सिंह दरबार


महू की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस छोड़ने की कसक पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार में अब तक नजर आ रही है। भाजपा में शामिल होकर भी वे कांग्रेस को भूल नहीं पा रहे हैं। उन्हें कांग्रेस की याद रह रह कर आ जाती है। अब राहुल गांधी महू में आ रहे हैं तो अंतर सिंह दरबार को फिर वे दिन याद आ गए जब वे कांग्रेस के करीबी थे।

पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा नेता अंतर सिंह दरबार ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरबार का दावा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनसे तीन बड़े आयोजनों का खर्च उठाने को कहा था, लेकिन आज तक भुगतान नहीं किया गया। इस मुद्दे पर उन्होंने 25 जनवरी को महू के ड्रीमलैंड स्थित नेहरू प्रतिमा के सामने धरने पर बैठने का ऐलान किया है।

क्या है मामला?

अंतर सिंह दरबार का कहना है कि उन्होंने 2016, 2018 और 2022 में कांग्रेस के निर्देश पर महू में राहुल गांधी के कार्यक्रमों के लिए बड़े आयोजन किए थे। इन आयोजनों में लाखों रुपये खर्च हुए, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस खर्च का भुगतान नहीं किया। दरबार ने आरोप लगाया कि उन्होंने कई बार कांग्रेस कमेटी से खर्च की भरपाई के लिए संपर्क किया, लेकिन हर बार उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया।

दरबार ने कहा, “मैंने कांग्रेस के निर्देश पर काम किया, लेकिन आज तक भुगतान नहीं मिला। अब मैं 25 जनवरी को धरने पर बैठूंगा ताकि इस मुद्दे पर जनता और पार्टी का ध्यान आकर्षित कर सकूं।”

 

कांग्रेस का कहना

इस पूरे मामले में कांग्रेस की ओर से जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी खर्च या आयोजन की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “अंतर सिंह दरबार दो बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इतने सालों बाद उन्हें खर्च की याद क्यों आई, यह समझ से परे है। अगर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्हें निर्देश दिया था, तो खर्च का भुगतान भी किया होगा।”

राजनीतिक संकेत

अंतर सिंह दरबार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब 27 जनवरी को महू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेता एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। इसे कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन माना जा रहा है। दरबार का आरोप और धरने की घोषणा निश्चित रूप से कांग्रेस की छवि पर असर डाल सकती है।

अंतर सिंह दरबार की राजनीतिक पृष्ठभूमि

अंतर सिंह दरबार कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं और दो बार महू विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और बाद में भाजपा में शामिल हो गए।

धरना 25 जनवरी को महू के ड्रीमलैंड स्थित नेहरू प्रतिमा के सामने आयोजित होगा। दरबार का कहना है कि यह धरना उनके “सिद्धांतों की लड़ाई” का हिस्सा है।

jitu patwari convicted in riots act

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी बताते हैं कि दरबार को धरना देने की बजाए शीर्षासन करना चाहिए लेकिन वे उन्हें लेकर फिक्रमंद नहीं हैं क्योंकि दरबार अब कांग्रेसी नहीं हैं।



Related