इंदौर। कोरोना के गंभीर मरीजों की प्लाज्मा थैरेपी में निजी अस्पतालों द्वारा मनमाने तरीके से पैसे वसूले जाने पर प्रशासन ने रोक लगाने की कवायद शुरू की है।
सोमवार को शहर के रेसीडेंसी कोठी में बुलाई गई बैठक में यह तय किया गया है कि अस्पताल अब इसके लिए अधिकतम 11 हजार रुपये ले सकेंगे।
बैठक में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, संभागायुक्त डा. पवन शर्मा सहित कुछ प्रमुख निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद थे। निजी अस्पताल संचालकों से चर्चा के बाद दर का निर्धारण किया गया।
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे गंभीर मरीज की प्लाज्मा थैरेपी के लिए कोई अस्पताल 18 हजार तो कोई 25 हजार रुपये तक ले रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया।
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल शहर में हर दिन करीब 30 से 40 कोरोना संक्रमित मरीजों की प्लाज्मा थैरेपी हो रही है।
संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा का बड़ा ऐलान प्लाज़्मा थैरेपी में प्राइवेट हास्पिटल अब 11हज़ार रुपये से अधिक की राशि नहीं ले सकेंगे। पहले 15 हज़ार से 25 हज़ार रुपये तक किए जाते थे चार्ज। #PlasmaDonation #Plasma #COVID19 pic.twitter.com/Irut5DfP21
— Indore Commissioner (@comindore) May 10, 2021
प्लाज्मा थैरेपी को लेकर संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा ने बताया कि सरकारी अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी नि:शुल्क की जाती है, लेकिन निजी अस्पताल इसका पैसा लेते हैं।
यदि कोई मरीज निजी अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी कराना चाहता है तो हम एमजीएम मेडिकल कॉलेज से प्लाज्मा भी देते हैं, लेकिन इसका शुल्क 9500 रुपये लिया जाता है।
हम इस शुल्क को भी कम करने पर विचार कर रहे हैं। फिलहाल शासकीय अस्पतालों में जितना प्लाज्मा डोनेशन हो रहा है, वह सारा का सारा उपयोग हो रहा है। जब अधिक प्लाज्मा डोनेशन होगा तो प्लाज्मा बैंक भी बनाया जाएगा।