इंदौर। महू में महूगांव नगर परिषद के चुनावों में साढ़े तीन बजे के बाद एक बार फिर मतदान केंद्रों पर भीड़ नज़र आई। जिसके चलते कुछ बूथ पर तो लंबी कतारें भी दिखाई दीं।
ये भीड़ पीथमपुर की कंपनियों में काम करने वाले उन कर्मचारियों की थी जो सुबह ड्यूटी पर चले गए थे और अब अपनी शिफ्ट खत्म करके लौटे। ये लोग सबसे पहले वोट देने पहुंचे।
इन्हें यहां पहुंचाने के लिए प्रत्याशियों और उनके सहयोगियों का भी योगदान रहा जो पीथमपुर की कंपनियों के बाहर पहुंच गए थे या तो कर्मचारियों को लगातार जल्दी आने के लिए कह रहे थे।
महूगांव नगर परिषद में करीब 69.40 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं मानपुर में 79.95 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस दौरान पुलिस जवानों को खासी दिक्कत आई। मतदान में लगे दूसरे कर्मचारियों को जहां भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था तो वहीं पुलिसकर्मियों को भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी।
ऐसे मे ये पुलिसकर्मी लगातार भटकते रहे। इसके बाद करीब पांच बजे इन कर्मियों को भोजन का इंतजाम किया गया लेकिन इससे पहले ये कई घंटों तक भूखे ही ड्यूटी पर डटे रहे।
इससे पहले महूगांव में पहले तीन घंटों में मतदाताओं में काफी उत्साह रहा लेकिन फिर मतदान की गति काफी धीमी हो गई। इसकी वजह यहां के अधिकांश मतदाताओं का पीथमपुर की कंपनियों में कार्यरत होना है। जहां फैक्ट्रियों में कोई छुट्टी नहीं थी।
मतदान के दिन भी सबसे ज्यादा राजनीतिक हलचल वार्ड क्रमांक 10 में देखी गई। यहां भाजपा और यहीं के निर्दलीय प्रत्याशी के बीच कड़ा मुकाबला है। दोनों ही प्रत्याशी व उनके समर्थक अपने पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं को लुभा रहे हैं।
कुछ वार्डों में बूथ पर ही महिला प्रत्याशी के पति मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। जिसका अन्य प्रत्याशियों के समर्थकों ने विरोध किया।
इसके अलावा मानपुर में दोपहर तीन बजे तक 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था। यहां पर मतदाताओं की संख्या काफी कम है जिस कारण मतदान केंद्र पर बहुत भीड़ नजर नहीं आई। सभी प्रत्याशी अपने-अपने मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए मनाते रहे।
अस्पताल व बैंकों में सन्नाटा –
मतदान के चलते शासकीय अस्पताल व बैंकों में सन्नाटा छाया रहा। जिसका मुख्य कारण यहां के कर्मचारियों व अधिकारियों को ड्यूटी मतदान प्रक्रिया में लगाना था।
महू के शासकीय अस्पताल में केवल एक चिकित्सक तथा एक प्रसूति रोग चिकित्सक मौजूद हैं जबकि बुधवार को यहां पर 200 से ज्यादा रोगी उपचार के लिए आए थे। काफी इंतजार करने के बाद बिना उपचार कराए ही लौट गए।
यही हाल सिटी बैंकों का भी रहा। यहां के कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान में लगा दी गई थी जिस कारण सभी शाखाएं काफी खाली रहीं। इस दौरान ग्राहकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।