बीमार पुलिस, दस साल के बच्चे के सामने पिता को बेरहमी से सरेराह पीटा क्योंकि मास्क नहीं पहना था


पिता के साथ सरेराह हुई ये बदसुलूकी उसके कोमल मन को बुरी तरह नुकसान पहुंचाएगी और शायद वह अपने जीवन में इसे भूल न पाए।


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। कोरोना से परेशान इंदौर शहर के नागरिक और व्यवस्थाएं दोनों ही अब मानसिक रुप से परेशान नज़र आ रहे हैं। संक्रमण के लगातार मिलते मामलों के बाद भी कोरोना को लेकर बहुत से नागरिक लापरवाह बने हुए हैं तो वहीं उन्हें रोकने वाले जमीनी कर्मचारी अब बेरहमी और बेअदबी पर उतर आए है। यह हाल निचले कर्मचारियों से लेकर उपर तक के अधिकारियों का है।

इंदौर में हुई एक घटना का वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। जहां मास्क न पहनने के कारण दो पुलिस वाले एक व्यक्ति को सड़क पर लिटाकर बेरहमी से मार रहे हैं।  घटना इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र की है जहां फिरोज गांधी नगर मालवा मिल चौराहे पर कृष्णा कुंजिर नामक व्यक्ति की दो पुलिस जवानों ने बेरहमी से पिटाई की।

यह पिटाई बीच रोड  पर की जा रही थी जहां सैकड़ों लोग यह नज़ारा देख रहे थे लेकिन रोकने वाला केवल एक ही था पीटे जा रहे व्यक्ति का दस साल का बेटा यश कुंजीर। वह पुलिस वालों से अंकल-अंकल कहकर छोड़ने की गुहार लगा रहा था लेकिन पुलिसकर्मी बेशर्मी से उस व्यक्ति को पीटे जा रहे थे।

 

बच्चे के मुताबिक, वह अपने पिता के साथ किसी को टिफिन देने जा रहा था। इस दौरान उसके पिता ने मास्क पहना हुआ था, लेकिन वह नीचे था जिसे पुलिस वालों ने देख लिया और उसे रोक लिया। पुलिसवाले फिर उसे थाने ले जाने की ज़िद करने लगे लेकिन जब वह नहीं माना तो बात बिगड़ गई।

इस वाकये के बाद जब पुलिस अधिकारी से इस बारे में बात की गई तो उनका जवाब भी इस बीमार व्यवस्था की ही कहानी कह रहा है। एसपी आशुतोष बागरी के मुताबिक जिस आदमी को मारा गया वह स्मैक लेता है और उसके उपर चाकूबाज़ी के पुराने मुकदमे भी थे। मंगलवार दोपहर जब मास्क न लगाने के लिए उसे पुलिसवालों ने रोका तो उसने पुलिस से हुज्जत की और फिर यह झगड़ा हो गया।

हालांकि अधिकारी पुलिस के इस रवैये को गलत बताया और उनको लाइन अटैच कर दिया है। हालांकि इससे पहले इस मामले में पीड़ित व्यक्ति की पिटाई के बाद भी उन्होंने पहले उसी के दोष गिनाए। ज़ाहिर है ये अधिकारी भी मानवधिकारों के प्रति ख़ास ज़िम्मेदारी का रवैया नहीं रखते। अधिकारी की शिकायत वीडियो बनाने वाले उस शख़्स से भी है जिसने घटना में उसी हिस्से का वीडियो बनाया जहां पुलिस की गलती थी।

इस दौरान उस दस साल के बच्चे की भी बात करनी चाहिए क्योंकि उसके पिता के साथ सरेराह हुई ये बदसुलूकी उसके कोमल मन को बुरी तरह नुकसान पहुंचाएगी और शायद वह अपने जीवन में इसे भूल न पाए। आज के हादसे के लिए बीमारी के ख़तरे के बाद भी नागरिकों की  मास्क न लगाने की ज़िद के साथ ये  बीमार दिमाग पुलिस कर्मी भी जिम्मेदार हैं।


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