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आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) इंदौर ने पीथमपुर में तैनात पटवारी प्रशांत त्रिपाठी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी पहले भी एक लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था और दूसरी किस्त की मांग कर रहा था। मामला बाणगंगा, इंदौर निवासी देवेंद्र नरवरिया और कैलाश नरवरिया की शिकायत के बाद सामने आया। शिकायतकर्ताओं ने 21 फरवरी 2025 को EOW में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
मां और मामा की जमीन के बंटवारे का मामला
शिकायत के अनुसार, शिकायतकर्ताओं की मां और मामा की पीथमपुर में स्थित जमीन का बंटवारा तहसीलदार कार्यालय में लंबित था। इस मामले में स्थल निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने के लिए पटवारी प्रशांत त्रिपाठी ने तीन लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए EOW ने एक विशेष दल का गठन किया और निगरानी शुरू की।
दूसरी किस्त लेते हुए धरा गया
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि पटवारी पहले ही एक लाख रुपए ले चुका था और दूसरी किस्त के लिए दबाव बना रहा था। EOW ने योजना बनाकर शिकायतकर्ता को पटवारी के कार्यालय भेजा। आरोपी ने रिश्वत की राशि पीथमपुर के हाउसिंग चौराहा स्थित शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास अपनी गाड़ी में ली। जैसे ही शिकायतकर्ता ने इशारा किया, EOW की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पटवारी को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया।
EOW की टीम ने बनाई थी विशेष योजना
इस कार्रवाई का नेतृत्व EOW के डीएसपी ने किया, जिनके साथ चार निरीक्षक और आठ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। गिरफ्तार किए गए पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7(सी) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
अन्य अधिकारियों की भूमिका की होगी जांच
EOW अब यह भी जांच कर रही है कि क्या इस भ्रष्टाचार में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता थी। पीथमपुर और धार क्षेत्र में भूमि बंटवारे और पटवारियों द्वारा रिश्वत लेने की शिकायतें पहले भी आती रही हैं। इस गिरफ्तारी से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और EOW की इस कार्रवाई की सराहना की जा रही है।