पीथमपुरः सागौर में 80 छात्राओं को सिप्ला फाउंडेशन ने पढ़ाई के लिए दिए टैब्स 


पीथमपुर में सिप्ला फाउंडेशन के सहयोग से शासकीय कन्या विद्यालय सागौर में पढ़ रही 10वीं कक्षा की 80 बालिकाओं को 20 लाख रुपये की लागत के डिजिटल टैब वितरित किए गए।


अनवर खान
इन्दौर Updated On :
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पीथमपुर। पीथमपुर औधोगिक क्षेत्र में हाल ही में सागौर की शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक बालकृष्ण शुक्ला के प्रयास से पीथमपुर की सबसे बड़ी दवाई निर्माता कंपनी सिप्ला लिमिटेड के सिप्ला फाउंडेशन के सहयोग से शासकीय कन्या विद्यालय में पढ़ रही 10वीं कक्षा की 80 बालिकाओं को 20 लाख रुपये की लागत के डिजिटल टैब वितरित किए गए।

शिक्षक बालकृष्ण शुक्ला ने बताया कि कोरोना काल मे पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है। ऐसी परिस्थिति में बच्चों को पढ़ाई की मुख्यधारा में कैसे जोड़ा जाए, इसके लिए सभी चिंतित थे। शासन भी अपनी ओर से इस हेतु टीवी व अन्य माध्यमों से प्रयास कर रहा था, लेकिन पीथमपुर श्रमिक क्षेत्र व अंचलों में पढ़ने वाले कई बालक-बालिकाओं के पास पढ़ाई के लिए लैपटॉप या एंड्रॉयड मोबाइल नहीं होते हैं।

ऐसे में उनके, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त राजेन्द्र सिंह डंग, राज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत अजय पाठक व अन्य सहयोगी शिक्षकों के मन मे विचार आया कि क्यों न विद्यालय की सभी छात्राओं के लिए टैब की व्यवस्था की जाए जिसमें शिक्षण सामग्री के साथ सम्पूर्ण कोर्स उपलब्ध रहे। इसके लिए उन्होंने सिप्ला फाउंडेशन के समक्ष प्रस्ताव दिया।

सिप्ला कंपनी के प्रतीक सेठे व अन्य अधिकारियों ने इसकी स्वीकृति दिलाई और शुक्रवार को यह संभव हो पाया। विद्यालय की प्राचार्य अरुणा शर्मा व फैक्टरी के अधिकारियों की उपस्थिति में 80 छात्राओं को टैबलेट प्रदान किए गए। टैबलेट में कक्षा 3 से 10 तक का माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश के पाठ्यक्रम के पूरे अध्याय के वीडियो हैं जिससे बच्चे अपनी जरूरत के अनुसार ऐप से आसानी से सीख सकते हैं। प्रत्येक टैब में लगभग 15 हजार रुपये की शैक्षणिक सामग्री प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर सिप्ला फाउंडेशन से एचआर हेड प्रतीक सेठे, स्कूल प्राचार्य अरुणा शर्मा, शिक्षक शैलेंद्र पंवार, रतनलाल टटवाड़े, कमलेश पाठक व जनप्रतिनिधि एवं नजदीक संस्था से राजेंद्र पाल सिंह डंग एव अजय पाठक उपस्थिति रहे।

बता दें कि पीथमपुर औधोगिक क्षेत्र के कई उद्योगों द्वारा अपने सामाजिक दायित्वों को बखूबी निभाते हुए न केवल शासकीय योजनाओं में सरकार की मदद की जाती है बल्कि लाखों-करोड़ों रुपये से स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी भवन बनाए गए हैं।

साथ ही साथ स्कूलों, छात्रावासों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के लिए बड़े-बड़े आरओ सिस्टम, प्राइवेट स्कूलों की तरह क्षेत्र के कई स्कूलों में कंप्यूटर क्लासेस के लिए दर्जनों कंप्यूटर लैब बनाकर देने के साथ उसमें कंप्यूटर शिक्षक भी उपलब्ध करवाए गए हैं।

बच्चों को फिजिक्स व कैमिस्ट्री के उच्चतम ज्ञान के लिए सभी प्रायोगिक संसाधनों से लैस लैब बनाने के अलावा वाचनालय के अलावा बच्चों को मनोरंजक व शारीरिक विकास के लिए विभिन्न खेल सामग्री भी उपलब्ध करवाई जाती रही है। यह सभी कार्य उद्योगों द्वारा स्थानीय जागरूक शिक्षकों की मांग पर बच्चों के लिए लगातार प्रदान किए जा रहे हैं।


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