इंदौर की महू तहसील में आयोजित हो रहे एक धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी भीड़ नज़र आई। शहर के मुस्लिम समुदाय ने भी इस दौरान स्वागत मंच लगाए। स्थानीय लोगों के मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस कार्यक्रम को धार्मिक ही रखा गया और राजनीति इससे दूर रही। हालांकि कार्यक्रम के आयोजक राजनीति से ही जुड़े हुए हैं और ऐसा कहा जा रहा है कि वे विधायक का टिकट भी पाना चाहते हैं।
कथा वाचक जया किशोरी के इस कार्यक्रम में हज़ारों की संख्या में भीड़ दिखाई दी। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रहीं थीं हालांकि इस दौरान खुद जया किशोरी यहां मौजूद नहीं रहीं जिससे सभी को निराशा हुई। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले उनके शामिल होने का प्रचार किया गया था और इसी बहाने बड़ी भीड़ बुलाई गई थी।
इस कलश यात्रा में दस हजार महिलाएं शामिल हुईं हैं। ये इस शहर में हुए किसी आयोजन की पैदल यात्रा में सड़क पर दिखाई दी अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को बसों से बुलवाया गया। हालांकि शहरी महिलाओं की संख्या कम रही। हर कलश यात्रा की तरह यहां भी महिलाओं को भेंट दी गई। बताया जाता है कि इस आयोजन पर करीब चार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं और इस तरह इससे राजनीतिक महत्वकांक्षा को पूरा करने की कोशिश हो रही है और इस बात का ख्याल रखा गया है कि शुरुआत में किसी भी तरह की राजनीति न हो ताकि लोग बंटे न।
मुस्लिम समाज ने भी किया स्वागतः इस कलश यात्रा के दौरान शहर में एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल देखने को मिला। कोतवाली चौक पर मुस्लिम समाज द्वारा विशाल मंच लगाया गया था जहां से मुजीब कुरैशी के नेतृत्व में लियाकत पठान व अन्य साथियों ने इस कलश यात्रा का स्वागत किया। हालांकि इस दौरान कांग्रेसियों में ही दूरी की खबरें आती रहीं।
इस कार्यक्रम के आयोजक जीतू ठाकुर हैं जो पिछले कुछ समय से लगातार राजनीतिक कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की कोशिश करते रहे हैं। जीतू ठाकुर यूं तो राऊ क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय रहते हैं लेकिन अचानक से उनकी सक्रियता महू में बढ़ गई है। ऐसा राजनीतिक लाभ के लिए भी बताया जा रहा है। जीतू ठाकुर राऊ के विधायक जीतू पटवारी के काफी करीबी बताए जाते हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि जीतू इस नई विधानसभा में अपनी एंट्री दर्ज करवाना चाहते हैं। हालांकि जीतू यहां कितने कारगर होंगे यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी क्योंकि वे अपने लिए माहौल तो तैयार कर ही रहे हैं और महू विधानसभा में पिछले कुछ वर्षों की परंपरा रही है कि यहां स्थानीय नेता को उनके साथी ही रोकते हैं और बाहरी नेताओं को हाथों हाथ लिया जाता है।