महू (इंदौर)। कोरोना संक्रमण की जांच को लेकर प्रशासन को अंधेरे में रखने वाली एक पैथोलॉजी को सील कर दिया गया है। पैथोलॉजी संचालक द्वारा रेपिड एंटीजन जांच की जा रही थी और उसकी किसी भी प्रकार की जानकारी स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही थी। यहां से जांच किट भी जब्त कर संचालक को नोटिस भेजा गया है।
इस काम के लिए अधिकृत किसी भी पैथोलॉजी को संभावित संक्रमितों की जांच के बाद उसके बारे में सभी जानकारी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को दी जाना आवश्यक है ताकि प्रशासन उक्त आंकड़ों को अपने रिकार्ड में दर्ज कर सकें व संक्रमितों के परिवार को होम क्वारंटइन कर उनके क्षेत्र में व्यवस्थाएं की जा सकें। शहर की एक पैथोलाॅजी द्वारा इस व्यवस्था में की जा रही लापरवाही पर प्रतिभा पैथोलाॅजी पर कार्रवाई की जा रही थी।
उक्त पैथालॉजी द्वारा नागरिकाें में संक्रमण की जांच की जा रही थी लेकिन जांच में कितने नागरिक में संक्रमित मिल रहे हैं इस बारे में प्रशासन को कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी।
ख़बर है कि यहां से संक्रमितों को घर में ही रहने को कहा जा रहा था। इस बारे में सूचना मिलने पर रविवार को तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर ने यहां छापा मार कार्रवाई की। जिसमें उन्हें पंद्रह रेपिड एंटीजन किट मिली। जिसमें से चौदह का उपयोग किया गया व एक सील बंद थी। पाराशर ने पैथोलॉजी को तीन दिन के
लिए सील कर दिया है तथा नोटिस देकर सभी कागजात मंगवाए गए। इसमें भी अगर किसी प्रकार की गड़बड़ी मिली तो स्वास्थ्य विभाग को लायसेंस रद्द करने के लिए लिखा जाएगा।
इस संबंध में तहसीलदार पाराशर ने कहा कि उन्होंने संचालक से सभी प्रकार के कागजात मंगवाए हैं। जिनकी जांच की जाएगी। यहां हो रही जांच रिपोर्ट की पूरी जानकारी जिला व स्थानीय स्वास्थ्य विभाग तथा स्थानीय प्रशासन को देना ज़रूरी है जो इस मामले में नहीं दी जा रही थी। इसके साथ ही कोरोना जांच के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं, इस पर पैथोलॉजी की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।