महू जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम चोरड़िया में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। गुरुवार को प्रभारी पंचायत समन्वयक अधिकारी मुन्ना लाल यादव को लोकायुक्त टीम ने दो हजार रु की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। यह कार्रवाई महू जनपद पंचायत कार्यालय में हुई, जहां डीएसपी आरडी मिश्रा के नेतृत्व में लोकायुक्त की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
फरियादी रविंद्र नारायण, जो चौरडिया ग्राम पंचायत के सचिव हैं, ने शिकायत की थी कि पंचायत इंस्पेक्टर मुन्ना लाल यादव उनसे शासकीय अधिवक्ता के नाम पर दो हजार की रिश्वत की मांग कर रहा है। इसके बाद लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू की। फरियादी को विशेष रूप से चिह्नित नोट दिए गए और उनसे कहा गया कि वे यह राशि आरोपी को दें। जैसे ही फरियादी ने रिश्वत की रकम इंस्पेक्टर को दी, लोकायुक्त की टीम ने उसे घेर कर पकड़ लिया और आरोपी की जेब से पैसे बरामद कर लिए।
यह मामला पातालपानी में पार्किंग ठेके को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा हुआ है। कुछ समय पहले पातालपानी में पार्किंग का ठेका एक व्यक्ति को दिया गया था, जिस पर महू जनपद पंचायत और जिला पंचायत द्वारा कार्रवाई की गई थी। यह मामला न्यायालय तक पहुंचा, जहां न्यायाधीश ने आदेश दिया था कि पंचायत सचिव और सरपंच से 8 लाख रु की वसूली की जाए। यह वही राशि थी जो वाहन चालकों से ठेके के नाम पर की गई थी। इस प्रक्रिया के तहत, आरोपी इंस्पेक्टर ने फरियादी को धमकी दी कि यदि दो हज़ार रु नहीं दिए गए, तो शासकीय अधिवक्ता मामले में सहयोग नहीं करेगा।
लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने भ्रष्टाचार के इस मामले का पर्दाफाश किया है, और अब आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मामले की जांच जारी है और स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।