शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर महू से विधायक हैं लेकिन आने वाले दिनों में उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। ठाकुर को इंदौर से टिकिट मिलना बेहद जरुरी है अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर उन्हें महू से चुनाव लड़ाया गया तो शायद महू सीट पर वे कामयाब न हों।
इसकी कई वजहें हैं। इनमें सबसे पहली वजह महू में उषा ठाकुर का विरोध है जो काफी समय से जारी है और इसी विरोध की अगली कड़ी भी शुरु हो गई है। अब महू के कार्यकर्ता चाहते हैं कि विधायक स्थानीय हो यानी सीधे तौर पर वे उषा ठाकुर के नाम पर राजी नहीं हैं।
स्थानीय उम्मीदवार को लेकर पहले भी कई बातें और बयान आते रहे हैं लेकिन इस बार मामला गंभीर है। रविवार को हुए कार्यकर्ता सम्मेलन के ठीक पहले अज्ञात ने पोस्टर लगा दिए गए जिसमें स्थानीय उम्मीदवार की मांग की गई। कार्यकर्ता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल पहुंचे थे जाहिर है यह पोस्टर लगाने की तरकीब उन तक संदेश पहुंचाने के लिए है।
हालांकि बीते 15 सालों से महू में स्थानीय स्तर पर कोई विधायक नहीं रहा है। दस साल इंदौर के कैलाश विजयवर्गीय और बीते पांच साल इंदौर से ही उषा ठाकुर यहां रहीं।
इस दौरान पार्टी के पुराने नेता और बूढ़े होते गए और नेतृत्व की रेस में पिछड़ते गए। इनमें कई नाम हैं जैसे भाजपा की जड़ों को मजबूत करने वाले राधेश्याम यादव, महू को कांग्रेस से भाजपा के गढ़ में बदलने वाले रामकिशोर शुक्ला, ग्रामीण नेता अशोक सोमानी, कंचन सिंह चौहान और भी कई।
इन सभी नेताओं ने मिलकर उषा ठाकुर को महू से चुनाव जिताया था लेकिन अब इन सभी को लगभग किनारे लगा दिया गया है और फिलहाल उषा ठाकुर ही एक मात्र नेता हैं और उनके सहयोगी के तौर पर कुछ व्यापारी और ठेकेदार और कुछ नए नेता बताए जाते हैं।
बहुत से उपेक्षित भाजपा नेताओं की मानें तो मंत्री उषा ठाकुर के राज में महू में कोई विकास कार्य नहीं हुए और भाजपा का संगठन बहुत कमजोर हुआ है। यह दोनों बातें जमीनी स्तर पर भी सही नजर आती हैं। बहुत से नेता इन दिनों मंत्री उषा ठाकुर की तीखी आलोचना करते नजर आ रहे हैं।
इन नेताओं ने अपनी बात संगठन के सामने भी रखी है और कहा है कि ठाकुर पार्टी और संगठन के लिए हानिकारक साबित हुईं हैं और इसी वजह से वे अपना विधानसभा क्षेत्र बदल लेती हैं और जीतने के लिए संघ की मदद लेती हैं।
मंत्री उषा ठाकुर के बारे में संगठन तक एक गोपनीय शिकायत भी की गई है। इस शिकायत के अनुसार मंत्री ने अपने कार्यकाल में बहुत से ठेकेदारों को अप्रत्याशित फायदा पहुंचा। बताया जाता है कि इस शिकायत में एक बिजली ठेकेदार का नाम भी है जो भाजपा से जुड़ा एक युवा नेता है। जिन्होंने पिछले कुछ समय में जनपद पंचायत में काफी काम किया है और इस दौरान जमकर मुनाफा लिया है। माना जा रहा है कि यहां किए गए काम में सामान के दाम कई गुना बढ़ा दिए गए और करीब पचास प्रतिशत से ज्यादा तक भी कमीशनखोरी की गई।
पिछले दिनों संगठन के एक बड़े नेता ने इस बात पर अपनी नाराजगी भी जताई थी। उन्होंने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने यह बात खुलकर कही थी। बिजली ठेकेदार के अलावा कोदरिया और मानपुर में नेतागीरि करने वाले ठेकेदारों ने भी खूब लाभ कमाया है। स्थानीय नेताओं ने दावा किया है कि अगर ये मामले बाहर आ जाएं तो मंत्री जी को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा और ठेकेदारों और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हो जाएंगे।
स्थानीय स्तर पर संगठन की इसी नाराजगी को स्थानीय उम्मीदवार के पीछे की वजह बताया जा रहा है। रविवार को हुए कार्यक्रम में भी महू में उम्मीदवार बदलने के ये पोस्टर सुर्खियों में बने रहे। इसकी खबर कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को भी दी गई। पोस्टरों में मांग करने वाले का कोई नाम नहीं है हालांकि निवेदक के स्थान पर भाजपा एक परिवार का नाम लिखा गया है। इसके अलावा इस पर कोई जानकारी नहीं है।
जब कई नेताओं को इन पोस्टरों के बारे में पता चला तो उन्होंने कुछेक स्थानों से यह पोस्टर हटवा दिए लेकिन बताया जाता है कि कुछेक जगह यह पोस्टर जानकर छोड़ दिए गए ताकि नेतृत्व तक संदेश पहुंचे। दरअसल स्थानीय नेताओं की चिंता महू विधानसभा में संगठन का लगातार कमजोर होना तो है ही स्थानीय स्तर पर नेतृत्व को कोई प्राथमिकता न दिया जाना भी है। एक नेता ने बताया कि इस तरह महू के किसी भी अच्छे नेतृत्व को आगे आने का कभी मौका नहीं मिलेगा और यह नुकसान देह है। वे आगे कहते हैं कि इससे भी ज्यादा नुकसानदेह वे नए नेता और ठेकेदार हैं जिन्हें इन दिनों संरक्षण दिया जा रहा है और जिन्होंने जमकर भ्रष्टाचार और मनमानी की है।