इंदौर। प्रदेश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है और वैक्सीन की कमी होती जा रही है। ऐसे में सरकार ने अब साफ कर दिया है कि पैंतालीस साल से कम उम्र के किसी भी नागरिक को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। यही नहीं अगर किसी सरकारी या निजी संस्था ने इस नियम का उल्लंघन किया तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। निजी संस्था का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। आदेश अपर संचालक टीकाकरण डॉ. संतोष शुक्ला ने सोमवार को जारी किए हैं।
इस नियम के हिसाब से अब फ्रंट लाइन वर्कर या हेल्थ केयर वर्कर का नया पंजीयन भी नहीं होगा। जो पहले पंजीयन हो चुके हैं, केवल उन्हें ही कोविन एप की मदद से वैक्सीनेशन हो सकेगा। ऐसे में अब उन ग़ैर सरकारी संस्थाओं के फ्रंट लाइन वर्करों को भी दिक्कत होगी जो कोरोना काल के दौरान प्रशासन की आगे आकर मदद कर रहे हैं। इसके अलावा पत्रकार भी इस दौरान अहम रोल भूमिका रहे हैं लेकिन उन्हें भी उम्र की सीमा बाधक बनेगी।
सरकार के आदेश स्पष्ट हैं कि 1 जनवरी 1977 से पहले जन्मे व्यक्ति को ही कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी ऐसे में यदि किसी ने भी 45 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति का टीकाकरण किया, तो उसके खिलाफ़ कठोर कार्रवाई की जाएगी और वहां के सीएमएचओ को भी निलंबित कर दिया जाएगा।
इस आदेश में कहा गया है, जिन वर्कर्स को 3 मार्च तक पहला वैक्सीन लग चुका है, उन्हें दूसरा डोज लगाना सुनिश्चित किया जाए। आदेश के बारे में डाॅ. शुक्ला ने बताया कि सरकार ने वैक्सीनेशन का रोडमैप तैयार किया है। जिसका पूरा पालन किया जाएगा।