इंदौर। प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में बीमारी को लेकर अहम निर्णय लेने वाली क्राइस मैनेजमेंट कमेटी भाजपा की नगर इकाई बनकर रह गई है। ऐसा कहना है कि इंदौर के विधायक संजय शुक्ला का। शुक्ला ने कहा है कि इस कमेटी को तुरंत भंग किया जाए और नई कमेटी बनाकर उसमें जिले के गणमान्य नागरिकों और बुद्धिजीवियों को शामिल किया जाए।
शुक्ला के मुताबिक कमेटी के सदस्यों लोगों के समस्याओं का समाधान करने की जगह समस्याएं बढ़ा रहे है। उल्लेखनीय है कि इंदौर में कोरोना के मरीज़ लगातार बढ़ रहे हैं और फिलहाल प्रशासन के पास इसे रोकने के लिये कोई ठोस उपाय नहीं है।
विधायक संजय शुक्ला इन दिनों कोरोना में अपनी सक्रियता को लेकर लगातार चर्चित हैं। एक रोज़ पहले ही 16 अक्टूबर को वे इंदौर में कोरोना मरीज़ों के लिए पर्याप्त इंतज़ाम न होने की सूरत में आत्मदाह की धमकी दे चुके हैं इस दौरान शुक्ला काफी भावुक भी हो गए थे।
क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को लेकर उनका कहना है कि इस कमेटी का गठन सरकार के द्वारा इस मकसद के साथ किया गया था कि यह जनता की परेशानियां समझेगी और उसके समाधान की दिशा में काम करते हुए प्रशासन का सहयोग करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
शुक्ला ने बताया कि नियमानुसार कमेटी में सभी जनप्रतिनिधियों को लिया जाना चाहिए था लेकिन इंदौर में कांग्रेस के विधायकों तक को शामिल नहीं किया गया जबकि भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं को इस समिति की बैठकों में बुलाया जाता है। विधायकों को शामिल ही नहीं किया गया। इनके स्थान पर पिछले विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा नकार दिए गए भाजपा के नेताओं को बुलाया जाता है।