बुरहानपुर। एक शख्स ने 24 साल पहले डेढ़ लाख रुपये का लोन लिया। 24 साल तक नहीं चुकाने पर सहकारी बैंक ने तहसील कार्यालय के माध्यम से पांच करोड़ 11 लाख 71 हजार रुपये बकाया का नोटिस भेज दिया।
इस भार-भरकम रकम को देखकर पेशे से बुनकर रहा शख्स घबरा गया और शनिवार को सरकारी आई हॉस्पिटल की छत पर सुसाइड करने के इरादे से चढ़ गया, जिसे काफी मशक्कत के बाद पुलिसवाले नीचे उतार पाए।
भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 1997 में लोहारमंडी के मोहम्मद इकबाल पिता खालिद ने जिला सहकारी बैंक से कारोबार के इरादे से डेढ़ लाख रुपये का लोन लिया था, जो उसने बीते 24 साल से नहीं चुकाया।
इस कारण बैंक ने लोन पर 13.5% ब्याज जोड़ना शुरू किया और डिफॉल्टर की श्रेणी में अतिरिक्त 3% ब्याज भी जोड़ना शुरू कर दिया। इस तरह 24 साल में उस पर कुल 51 लाख 17 हजार रुपये बकाया हो गया।
एक साल पहले संपत्ति कुर्की के लिए प्रकरण तहसील कार्यालय में पहुंचा। तहसील कार्यालय से उसे अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया।
इस साल फिर 12 फरवरी को तहसील कार्यालय से जो नोटिस भेजा गया, उसमें 5 करोड़ 11 लाख 71 हजार 23 रुपये बकाया बताया गया। इसे देखकर इकबाल के होश उड़ गए और लोन चुकाने को लेकर उसके परिवार में विवाद शुरू हो गए। इससे तनाव में आकर इकबाल घर छोड़ निकल आए।
दोपहर करीब 3 बजे लालबाग रोड स्थित आई हॉस्पिटल की छत चढ़ गए। छत की बाउंड्रीवॉल के बाहर एक पैर बाहर निकलाकर बैठ गए, जिसे देखकर आसपास के लोगों ने जब उनसे पूछा कि वह क्या कर रहा है, तो इकबाल ने कहा- मैं आत्महत्या करने आया हूं।
स्थानीय लोगों ने सूझ-बूझ दिखाकर तुरंत लालबाग थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद तत्काल ही मौके पर थाना प्रभारी एपी सिंह पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद जवानों की मदद से इकबाल को छत से नीचे उतारा।
मामले में तहसीलदार मुकेश काशिव का कहना है कि
इकबाल को भेजे गए नोटिस में गलती से एक शून्य ज्यादा लगा है जिस वजह से रकम 5 करोड़ रुपये दिख रही है। वास्तविकता में उस पर सिर्फ 51.17 लाख रुपये बकाया है। एक साल से हम उसे पत्र भेज रहे हैं। यदि वह जवाब दे या आपत्ति ले, तो आगे कार्रवाई करेंगे।