देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुबह लोगों को क्रिसमस की बधाई दे रहे थे और देश में हिन्दूवादी नेता लोगों को क्रिसमस मनाने पर धमका रहे थे। इंदौर के सपना-संगीता इलाके में क्रिसमस के मौके पर सांता क्लॉज की ड्रेस पहनकर डिलीवरी कर रहे एक फूड डिलीवरी बॉय को हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने रोक लिया। संगठन के कार्यकर्ताओं ने डिलीवरी बॉय से सांता की पोशाक उतारने को कहा और उससे सवाल किया कि क्या हिंदू त्योहारों पर भगवा या श्रीराम की ड्रेस पहनकर डिलीवरी की जाती है।
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने अपने कर्मचारियों को क्रिसमस के मौके पर सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने का निर्देश दिया था। कंपनी के अनुसार, यह उनकी प्रचार रणनीति का हिस्सा था। डिलीवरी बॉय ने बताया कि कंपनी हर कर्मचारी से तस्वीर मांगती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्होंने ड्रेस कोड का पालन किया है।
डिलीवरी बॉय से सवाल-जवाब
डिलीवरी कर रहे अर्जुन (बदला हुआ नाम) ने कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की कि वह कंपनी के आदेश का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम ड्रेस नहीं पहनते, तो हमारे पैसे काटे जाते हैं और हमारी आईडी भी ब्लॉक हो सकती है।” इसके बावजूद कार्यकर्ताओं ने सांता क्लॉज की ड्रेस को सांस्कृतिक और धार्मिक अपमान करार दिया। उन्होंने डिलीवरी बॉय से कहा कि वह केवल कंपनी को तस्वीर भेजें लेकिन सांता की पोशाक पहनकर डिलीवरी न करें। हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने डिलीवरी बॉय को सांता क्लॉज की ड्रेस उतारने पर मजबूर किया। डिलीवरी बॉय ने पोशाक उतारकर अपने फूड कंटेनर में रख ली, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने उसे जाने दिया।
घटना का वीडियो हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने बनाया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में कार्यकर्ता सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने को हिंदू धर्म के खिलाफ बताते हुए नजर आ रहे हैं। इस घटना पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा, “यह समाज को बांटने और शांति भंग करने की कोशिश है। सरकार को ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।” अब तक इस मामले में पुलिस या प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। घटना के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस तेज हो गई है।