इंदौर। स्वच्छता में लगातार नए पैमाने तय कर चुका इंदौर शहर अब पांच सितारा रेटिंग से संतुष्ट नहीं है। अब निगम का प्रयास है कि उन्हें सात सितारा रेटिंग मिले और इसके लिए निगम के प्रयास पूरे ज़ोर-शोर से चल रहे हैं। निगम की कोशिश और दावा है कि वे साल के आखिरी दिन यानी गुरुवार को सात सितारा रेटिंग की आख़िरी ज़रूरी शुल्क संग्रहण की शर्त पूरी कर लेंगे। इसके लिए आज निगम के कार्यालय रातभर खुले रहेंगे।
इंदौर नगर निगम की कमिशन्रर प्रतिभा पाल और अपर आयुक्त राजस्व एसके चैतन्य ने राजस्व राशि की जल्दी-जल्दी वसूली के लिए पूरी तरह कमर कस ली है। इसके लिए कचरा संग्रहण शुल्क की 75% घरेलू और 90% कर्मशियल इलाकों से राशि वसूलने की सबसे जरूरी शर्त को पूरा कर लिया जाएगा। निगम के पास 31 दिसंबर तक 39 करोड़ रुपये वसूली करने का टारगेट मिला है। अपर आयुक्त राजस्व एसके चैतन्य के अनुसार फिलहाल वे लक्ष्य से करीब 2.30 करोड़ रुपये पीछे हैं।
कमिश्नर प्रतिभा पाल ने राजस्व विभाग के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि नगर निगम मुख्यालय और जोनल ऑफिसों के कैश काउंटर पर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। हालांकि, सभी करों, किराए और घर-घर कचरा कलेक्शन शुल्क के मामले में नगर निगम तय लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। फिर भी आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि आखिरी दिन 6 से 7 करोड़ रुपये निगम खाते में जमा हो सकते हैं।
दूसरी ओर मैदानी अमला लगातार कर नहीं भरने वाले बड़े बकायादारों की संपत्तियां सील करने की कार्रवाई कर रहा है। संपत्ति कर की विभिन्न श्रेणियों में 25, 50 और 100 प्रतिशत, जल कर की विभिन्न श्रेणियों में 50, 75 और 100 प्रतिशत और निगम दुकानों के किराए में निगम दुकानों के किराए में 25, 50 और 100 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
नगर निगम कमिश्नर ने शहर की जानता से आग्रह किया है कि वे निगम द्वारा दी जा रही विशेष छूट का लाभ लें और बकाया कर जमा करें। निगम ज्यादा से ज्यादा कचरा संग्रहण शुल्क जमा करवाने के लिए जनप्रतिनिधियों और बड़े अधिकारियों के द्वारा भी अपील की जा रही है।