इंदौर। टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। अपने संन्यास का ऐलान करते हुए नमन ओझा भावुक हो गए और उनके आंखों से आंसू छलक गए।
नमन ने इंदौर के एमपीसीए ग्राउंड यानी होलकर स्टेडियम में संन्यास का ऐलान किया। नए क्रिकेटर्स को मौका देने और कमर दर्द के साथ ही परिवार को समय देने के लिए 37 साल के नमन ओझा ने आखिरकार अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
मूलतः रतलाम के रहने वाले नमन ने क्रिकेट के सफर का आगाज इंदौर से किया था इसलिए इंदौर को वो अपनी कर्मस्थली मानते हैं। नमन ओझा ने तीनों प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें एक टेस्ट, एक एकदिवसीय और दो टी 20 मैच हैं।
सीमित ओवरों के अंतरराष्ट्रीय मैच साल 2010 में भारत के जिम्बाब्वे दौरे के दौरान खेले थे, जबकि उन्होंने एकमात्र टेस्ट मैच 2015 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेला था, जहां उन्होंने 4 कैच लेने के अलावा 35 और 21 रन बनाए थे।
घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश का एक बड़ा नाम बने नमन ओझा का प्रथम श्रेणी करियर 20 सीज़न तक चला। रणजी ट्रॉफी में स्टंप्स के पीछे उन्होंने सबसे अधिक 351 कैच और स्टंपिग दर्ज करने का भी रिकॉर्ड बनाया।
नमन ने 146 प्रथम श्रेणी मैचों में 41.67 के औसत से 9753 रन बनाए जिसमें 22 शतक और 55 अर्धशतक शामिल हैं। इस श्रेणी में उनका उच्चतम स्कोर 219 नाबाद है। रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने वालों में नमन का आठवां स्थान है।
उन्होंने 143 लिस्ट ए गेम्स और 182 टी-20 में भी भाग लिया, जिसमें दिल्ली डेयरडेविल्स, राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए 113 आईपीएल मैच शामिल थे।
संन्यास के वक्त नमन ने पूर्व सिलेक्टर संजय जगदाले के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और कहा कि सचिन तेंदुलकर से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि घरेलू टी-20 मुकाबलो में वो खेलते रहेंगे।
नमन के संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट जगत स्तब्ध है क्योंकि नमन जैसे बहुत कम क्रिकेटर होते हैं जो जुझारू होने के साथ ही क्रिकेट की हर विधा में पारंगत होते हैं।