इंदौर। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग यानी एमपीपीएससी की परीक्षा को लेकर खासी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मेन्स की परीक्षा स्थगित करने की मांग करते हुए अभ्यार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इस मामले में जल्दी से जल्दी सुनवाई करे।
मुख्य परीक्षा रविवार 21 मार्च से होना है। जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यह परीक्षा आठ शहरों में हो रही है और सभी जगह अलग-अलग पर्यवेक्षक घोषित किए गए हैं। इस बीच कोरोना काल फिर शुरु हो गया है। जिसे लेकर सरकार चिंतित है लेकिन पीएससी की परीक्षा में कोई रियायत नहीं दी गई है। सोशल मीडिया की खबरों के मुताबिक फिलहाल कुछ विद्यार्थी कोरोना संक्रमित हैं और अस्पतालों में तक भर्ती हैं।
@ChouhanShivraj @drnarottammisra
Sudhanshu tiwari from Rewa Currently hospitalized due to covid19.I want to ask the Government and mppsc how such students will take part in examination. Even if you have reasons what about those who will fell ill due to your inhumane attitude pic.twitter.com/TkyXhwooLf— Vishwajeet_isEnough (@MeVjeet) March 18, 2021
अभ्यार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया है कि प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों में आरक्षण लागू करने में गड़बड़ी की गई है। ऐसे में जब तक इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाता तब तक मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर विद्यार्थियों का नुकसान होगा और वे एक तरह से असमंजस में ही परीक्षा देंगे।
Matter regarding conduct of #MPPSCMAINS2019EXAM is still sub judice and final decision is awaited but without considering the gravity of said issue Madhya Pradesh government has turned Nelson’s eyes to the legitimate demand made by MPPSC aspirants, which is fraud with democracy.
— Jayesh Gurnani (@JayeshGurnani_) March 19, 2021
बहुत से विद्यार्थी इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र तक लिख रहे हैं।
CM @ChouhanShivraj should listen to the voice of the young and potential Madhya Pradesh and postpone the MPPSC 2019 Mains exam, you are just like a guardian to them how can you just through them out into the threatful situation of corona spread over.#STAYMPPSCMAINS2019 @MppscO pic.twitter.com/UEoz9Yvl3b
— Ankit Dedha (@AnkitDedha09) March 19, 2021
मुख्य परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा में चुने गए अभ्यर्थी शामिल होंगे। हालांकि आरक्षित वर्ग के कई अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों से अधिक अंक मिलने के बावजूद उन्हें आरक्षित श्रेणी में ही रखा गया। जबकि कम अंक पाने वालों को भी अनारक्षित श्रेणी में मौका मिल गया। नतीजों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है लेकिन इस बीच मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा घोषित कर दी। परीक्षार्थी लगातार मांग कर रहे हैं कि इस परीक्षा को स्थगित किया जाए।
राजा बोला रात है,
रानी बोली रात है,
मंत्री बोला रात है,
संतरी बोला रात है,
और यह सुबह सुबह की बात है ।
सब मिले हुए है , बस सर्वोच्च न्यायालय से आशा है , की एमपीपीएससी की असंवैधानिक परीक्षा को रोके। #STAYMPPSCMAINS2019 #UNCONSTITUTIONALMPPSCEXAM— ayush dixit (@ayush000001) March 19, 2021
परीक्षा के दिन रविवार को लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है लेकिन यह परीक्षा इससे प्रभावित नहीं होगी। ऐसे में अगर कोई परीक्षार्थी कोरोना से पीड़ित भी है तो उसे पीपीई किट पहनकर पेपर देना होगा। परीक्षार्थी इस बात को भी नहीं समझ पा रहे हैं कि जिस पीपीई किट को पहनने में सर्दियों के मौसम में पसीने छूट जाते थे उसे गर्मी के इस मौसम में पहनकर संक्रमित और बीमार परीक्षार्थी कैसे पेपर हल करेंगे।
हमको अब दिख गया है एमपीपीएससी बिक गया है #STAYMPPSCMAINS2019 pic.twitter.com/7hfIfYtrG9
— @Da_@nupam🇮🇳 (@Daanupam1) March 19, 2021
पीएससी के चेयरमैन डॉ.राजेश लाल मेहरा ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही 21 मार्च को मुख्य परीक्षा आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी अपना प्रवेश पत्र दिखाकर जा सकेंगे। हालांकि इस बीच परीक्षार्थियों का कहना है कि यातायात के साधन बंद होने के चलते उन्हें परेशानी हो सकती है लेकिन उनकी इस समस्या पर फिलहाल पीएससी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
राज्य सेवा की मुख्य परीक्षा-2019 के लिए मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने पर्यवेक्षकों की तैनाती की हैं। परीक्षा से जुड़ी समस्या और गड़बड़ियों को लेकर उम्मीदवार सीधे पर्यवेक्षकों को शिकायत कर सकेंगे।