इंदौर। इंदौर के वार्ड 71 से भाजपा के पूर्व पार्षद रह चुके भारत पारख द्वारा फरवरी 2020 में लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने एक बड़ा निर्देश राज्य चुनाव आयोग और राज्य शासन को दिया है।
हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य शासन को निर्देश दिया है कि प्रदेश में निकाय चुनाव अविलंब कराए जाएं। इसके बाद मध्यप्रदेश चुनाव आयोग ने कहा कि 3 मार्च को मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
बता दें कि बुधवार शाम से ही कोविड-19 को लेकर जारी किए गए नए गाइडलाइन के बाद समूचे मध्यप्रदेश में कयास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव सितंबर से लेकर दिसंबर तक टल सकते हैं। राजनीतिक गलियारों से लेकर मीडिया जगत में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। लेकिन, सभी कयासों पर आज उस वक्त विराम लग गया जब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य शासन को अविलंब चुनाव कराने का निर्देश दिया।
गुरुवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य शासन को नगरीय निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में नगर निगम चुनाव में देरी को लेकर फरवरी 2020 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
इसी की सुनवाई के दौरान इंदौर खंडपीठ ने शासन को अविलंब चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं। जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ल की युगल पीठ की सुनवाई के दौरान शासन ने अपना जवाब पेश करते हुए कहा कि वह चुनाव कराने के लिए तैयार है।
तीन मार्च को शासन द्वारा मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। पूर्व पार्षद भारत पारख द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका में राज्य शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया था।
याचिकाकर्ता पूर्व पार्षद भारत पारख ने बताया कि फरवरी 2020 में मेरे द्वारा राज्य शासन के विरुद्ध एक याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लगाई गई थी कि नगरीय निकाय चुनाव समय पर कराएं जाएं। उस समय कोविड-19 के कारण सुनवाई लेट हो गई थी।
भाजपा से इंदौर में वार्ड 71 के पूर्व पार्षद रह चुके भारत पारख ने बताया कि उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द राज्य में चुनाव कराए जाएं।
अधिवक्ता हर्षवर्धन शर्मा ने बताया कि वार्ड 71 से पार्षद भारत पारख की ओर से एक याचिका 2020 में प्रस्तुत की थी। याचिका में बताया गया था कि मध्यप्रदेश में नगर निगम और नगर पालिका के चुनाव जो समय पर नहीं कराये जा रहे थे और 5 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका था और संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत नगर निगम नगर पालिकाओं के चुनाव के लिये 5 साल में 6 महीने का एक टेन्योर रहता है और 2020 में कांग्रेस सरकार थी। उन्होंने किन कारणों से जारी नहीं की जिसके कारण याचिका प्रस्तुत की थी जिसके बाद राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार को अविलंब चुनाव कराने के निर्देश दिए गए हैं।
हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के निर्देश के बाद ये साफ हो गया है कि आगामी दो से तीन माह में प्रदेश में चुनाव संपन्न होंगे और अब सवाल ये है कि कांग्रेस तो चुनावी तैयारी महीनों से कर रही है, लेकिन बीजेपी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लिहाजा उम्मीद की जानी चाहिये कि प्रदेश में निकाय चुनाव में टक्कर जोरदार होगी।