महू (इंदौर)। पातालपानी में रविवार 4 दिसंबर को टंट्या मामा का बलिदान दिवस मनाया गया जहां पर हजारों की संख्या में आदिवासी भील समाज बंधुओं ने टंट्या मामा के प्रतिमा को नमन किया व श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस मौके पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा व अन्य नेताओं ने भी पुष्प अर्पित व माल्यार्पण किया।
इस आयोजन को लेकर पिछले 4 दिनों से पूरा प्रशासन यहां जुटा हुआ था, लेकिन यहां आए आदिवासी समाज बंधुओं को काफी निराशा हुई क्योंकि मुख्यमंत्री ने मात्र 8 मिनट संबोधित किया और उसमें भी कुछ नयापन नहीं था।
4 दिसंबर को पातालपानी में टंट्या मामा की का शहीद दिवस मनाया गया। हालांकि टंट्या मामा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए बड़ी संख्या में आदिवासी समाज बंधु मौजूद हुए, लेकिन भाजपा ने भी इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
धरती अंबर कह रहे, टंट्या मामा अमर रहे।
क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा का आज बलिदान दिवस है। इस अवसर पर उनके चरणों में मध्यप्रदेश के सभी नागरिकों की तरफ से शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं: CM#टंट्या_मामा_बलिदान_दिवस_MP pic.twitter.com/qJm3f5Q20Z
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 4, 2022
इस वर्ष की तरह इस साल भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां आए तथा पातालपानी रेलवे स्टेशन पर बने मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभा को संबोधित किया।
इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी मौजूद थे। आयोजन को लेकर स्थानीय प्रशासन पिछले 4 दिनों से खासा सक्रिय था तथा दिन-रात एक किए हुए था, लेकिन इतना खर्च करने के बाद भी इस आयोजन में आए सभी लोगों को खासी निराशा हाथ लगी।
कुछ भी नया नहीं…
मुख्यमंत्री ने मात्र 8 मिनट संबोधन दिया और उसमें भी वे कोई नयापन नहीं ला पाए। मुख्यमंत्री ज्यादातर समय अपनी पुरानी घोषणाओं के बारे में बोलते रहे। हालांकि उन्होंने नयापुरा में आदिवासी क्रांतिकारी टंट्या भील की प्रतिमा लगाने की एक नई घोषणा भी की।
राज्यपाल आए लेकिन बोले नहीं
इसके अलावा मंच पर बैठे भाजपा नेताओं को भी कोई ख़ास महत्त्व नहीं मिला। इसके साथ ही मंच पर बैठे मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल का कोई संबोधन ना होना भी चर्चाओं में रहा। स्थानीय स्तर पर भी यह आयोजन चर्चाओं में रहा क्योंकि कई स्थानीय भाजपा नेता इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
मतभेद आ रहे सामने!
बताया जाता है कि मंत्री उषा ठाकुर के संघ मतभेदों के कारण बहुत से नेताओं ने कार्यक्रम में जाने से परहेज किया। इस तरह इन नेताओं ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को महू में संगठन के अंतर्विरोध बताने की कोशिश की है।
इस आयोजन के प्रति मुख्यमंत्री उतरे गंभीर नहीं दिखे जितने इंदौर में होने वाले आयोजन को लेकर थे। उन्हें वहां जाने की ज्यादा जल्दी थी जिसको लेकर आदिवासी समाज बंधुओं में अनेक तरह की चर्चा थी।
अधिकारियों में डर था कि मुख्यमंत्री किसी भी लापरवाह अधिकारी को निलंबित कर रहे थे तो यहां किसी पर गाज ना गिर जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
टंट्या मामा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का दौर शाम 6:00 बजे तक जारी रहा। आदिवासी समाज बंधुओं के अलावा कांग्रेस के नेताओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस आयोजन की मुख्य बात यह रही कि मंच पर मौजूद किसी भी नेता का स्वागत नहीं किया गया क्योंकि राज्यपाल ने कहा था कि टंट्या मामा का शहीद दिवस है इसलिए इस दिन उन्हीं को श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाए जिसका सभी ने पालन भी किया।
इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम जल्द ही टंट्या मामा के नाम पर कर दिया जाएगा जिसकी अनुमति मिल चुकी है।
पुरानी योजनाओं का बखान.
इसके अलावा सीएम शिवराज पुरानी योजनाओं का भी बखान करते नजर आए। मुख्यमंत्री के जाते ही सभी नेता व अधिकारी आदिवासी नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ कर आयोजन स्थल से रवाना हो गए। किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने वहां रहकर उनकी देखभाल या व्यवस्था करना उचित नहीं समझा।