मोहर्रम के दसवें दिन अखाड़ों के साथ निकला ताजियों का कारवां, महू में दिखा धार्मिक सौहार्द


गोपाल मंदिर पर एसपी ने संभाली सुरक्षा की कमान


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :

इंदौर। बीते दस दिनों से चल रहा मोहर्रम का त्यौहार शनिवार की शाम को संपन्न हुआ। इस आखिरी दिन अखाड़ों के साथ निकला ताजिये निकले। इस दौरान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था बनाई हुई थी।

शनिवार दोपहर दो बजे से ही ताजियों का कारवां अखाड़ों के साथ निकलना शुरू हो गया था जो नगर के परंपरागत मार्ग से होता हुआ कर्बला पहुंचा। इस दौरान रास्ते भर अखाड़ों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। शहर के कोतवाली चौक पर पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार के नेतृत्व में अखाड़ों के खलीफा उस्तादों का स्वागत सम्मान किया गया।

गोपाल मंदिर के सामने पुलिस की तैनाती

शहर में विगत कुछ दिनों से चल रही आशंकाओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने माकूल पुख्ता व्यवस्था की थी। पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ ड्रोन से नजर रखी गई। गत वर्ष की घटना को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इस साल शहर के प्रमुख गोपाल मंदिर पर विशेष सतर्कता बरती। यहां 50 से अधिक जवान तैनात किए गए थे इनके साथ स्वयं ग्रामीण एसपी हितिका वासल, एसपी शशिकांत कंनकने थाना प्रभारी कुलदीप खत्री, अरुण कुमार सोलंकी कमान संभाले हुए थे।

जुलुस से पहले पुलिस अधिकारियों ने देखी सारी व्यवस्थाएं

मुस्लिम समुदाय ने भी सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग दिया। कोतवाली चौक से डीजे बंद कर दिए थे जो गर्ल्स स्कूल चौराहे पर फिर शुरू किए गए इसके अलावा गोपाल मंदिर के सामने सभी अखाड़े खामोशी के साथ निकले ना कोई नारेबाजी हुई ना ही डीजे व ढोलक बजे। इस कार्यक्रम में धार्मिक सौहार्द भी नजर आया।

ताजियों के इस कारवां में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। इस वर्ष ताजियों को निकलने में काफी देरी हुई शाम 7 बजे तक प्रमुख पीपल पत्ते का ताजिया काले सैय्यद की दरगाह तक भी नहीं पहुंच पाया था। अखाड़ा जुलूस में हथियारों का प्रदर्शन भी नहीं किया गया जिसका प्रमुख कारण पुलिस प्रशासन की सख्ती रही। वहीं गोपाल मंदिर में सुरक्षा को देखते हुए भी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। बीते साल यहां इसी दौरान एक विवाद हो गया था।



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