इंदौर। महू शहर में शनिवार को हुई मारपीट के विरोध में हिंदू संगठनों ने विरोध जताया। इन संगठनों के नेताओं ने महू थाने का घेराव किया और नारेबाजी की। इनकी मांग थी कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके अवैध मकानों को ध्वस्त किया जाए। इसे लेकर हिंदूवादी संगठन के नेताओं ने एसपी को ज्ञापन सौंपा।
शनिवार को शहर में गाज़ी मियां के मेले में दुकान लगाने की बात को लेकर गोकुल क्षेत्र में दो दुकानदारों के बीच विवाद हो गया था। इस दौरान बीच बचाव कर दोनों को समझाने गए एक स्थानीय नेता मुकेश सोलंकी के साथ दूसरे पक्ष ने मारपीट कर दी। ये मुस्लिम समुदाय के युवक थे। जिसके बाद आपसी झगड़े के इस मामले को सांप्रदायिक झगड़े के रुप में देखा जाने लगा। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि हिंदूवादी संगठनों के नेताओं ने थाने का घेराव किया। यह विरोध देर रात तक जारी रहा।
इस दौरान आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इसके बाद फिर विरोध शुरु करने कर दिया गया। हिन्दू संगठनों के साथ भाजपा के युवा मोर्चा के नेता भी इस दौरान हिन्दू समाज के पैरोकारी करने के लिए पहुंच गए। इस दौरान थाने के बाहर बड़ी संख्या में भीड़ लग गई। बड़ी संख्या में पहुंचे नेताओं व कार्यकर्ताओं ने थाना परिसर के बाहर जमकर नारेबाजी की।
इसे देखते हुए इसके बाद एसपी ग्रामीण मौके पर पहुंच गईं। जिन्हें लोगों ने ज्ञापन सौंपा हालांकि इस दौरान भी पुलिस पर आरोपियों को गिरफ्तार करने का दबाव जारी रहा। यहां आरोपियों को तथा उनकी अवैध संपत्ति को ध्वस्त करने की मांग की गई। इन नेताओं ने मांग की मामले में एक नेता अहमद दरबारी को गिरफ्तार किया जाए।
युवा मोर्चा के नए अध्यक्ष ऋषभ सोलंकी ने मौके पर ही जोर जोर से चिल्लाते हुए अहमद दरबारी को सारी समस्याओं की जड़ बताया। उन्होंने कहा कि दरबारी अक्सर झगड़ा करने के लिए लोगों का उकसाता है और शहर में अशांति फैलाता है। सोलंकी ने यहां कहा कि वे किसी का घर नहीं तुड़वाना चाहते लेकिन गिरफ्तारी हर हाल में चाहते हैं।
इंदौर की ग्रामीण एसपी हितिका वासन ने कहा कि शहर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है तथा किसी को कोई परेशानी हो तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। अधिकारी ने इस बारे में कहा कि वे अहमद दरबारी की इस प्रकरण में शामिल होने को लेकर जांच करेंगे क्योंकि बिना किसी पुख्ता सुबूत के पुलिस किसी भी नागरिक को इस तरह नहीं पकड़ सकती हैं। इस प्रदर्शन में महू के अलावा सागौर, देपालपुर गौतमपुरा आदि क्षेत्रों के भी हिंदूवादी संगठनों के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए। इस प्रदर्शन को देखते हुए थाने परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।