रेलवे की नई लाइन डालने के लिए आरसीसी बॉक्स लगाने का काम शुरू


महू-इंदौर के बीच बड़ी लाइन के दोहरीकरण का काम दस माह बाद एक बार फिर शुरू हो गया है। पिटरोड़ पर बने ब्रिज के चौड़ीकरण के लिए आरसीसी बॉक्स लगाने का काम शुरू कर दिया गया।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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– दोनों और छब्बीस बॉक्स लगाए जाएंगे, एक का वजन 47 टन।
इंदौर/महू। महू-इंदौर के बीच बड़ी लाइन के दोहरीकरण का काम दस माह बाद एक बार फिर शुरू हो गया है। पिटरोड़ पर बने ब्रिज के चौड़ीकरण के लिए आरसीसी बॉक्स लगाने का काम शुरू कर दिया गया।

यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो आठ दिन में यह काम पूरा हो जाएगा। इस ब्रिज को चौड़ा करने के लिए छब्बीस बॉक्स तैयार किए गए हैं। इससे यह ब्रिज डेढ़ सौ फीट चौड़ा हो जाएगा।

महू-इंदौर के बीच रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम विगत दस माह से बंद था जिसे एक बार फिर गति मिलना शुरू हो गई है। सोमवार की सुबह से पिटरोड़ पर बने रेलवे ब्रिज को चौड़ा करने के लिए आरसीसी के बने प्रीकास बॉक्स को व्यवस्थित रखने का काम हाइड्रोलिक मशीन से शुरू कर दिया गया।

इस काम के पूरा होने में एक सप्ताह का समय लगेगा। यहां मौजूद अधिकारियों ने बताया कि गुजरखेड़ा की ओर प्लेटफॉर्म चार की ओर से पहला चरण शुरू किया गया। इसके लिए दिन भर में समय-समय पर रास्ता बंद करना पड़ा।

इसके बाद शहर की ओर प्लेटफॉर्म एक की ओर बॉक्स रखने का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए छावनी परिषद व प्रशासन से सहयोग की आवश्यकता होगी। इसके बाद ही काम शुरू किया जा सकेगा।

ऐसे हैं बॉक्स – 

इस ब्रिज को दोनों ओर से चौड़ा करने के लिए कुल छब्बीस बॉक्स लगाए जाएंगे। एक बॉक्स का वजन 47 टन है। इन बॉक्स के लगने से यह ब्रिज 150 फीट चौड़ा हो जाएगा जो एक बोगदे के समान लगेगा। इस ब्रिज पर बड़ी लाइन की तीन लाइन डाली जाएगी। मीटर गेज की वर्षों पुरानी लाइन को भी हटा दिया जाएगा। वर्तमान में एक बॉक्स को हाइड्रोलिक मशीन से व्यवस्थित रूप से रखने में करीब पंद्रह मिनट का समय लगा।

ऐसे होगा काम – 

वर्तमान में इन बॉक्स को सड़क किनारे व्यवस्थित रूप से रखा जा रहा है। इसके बाद पूरी सड़क की खुदाई होगी। इसके बाद भराव कर समतल किया जाएगा। फिर इन बॉक्सों को रखा जाएगा। यह काम अप्रैल में पूरा होना था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम पूरी तरह बंद हो गया जिससे आठ माह की देरी हुई। वर्तमान में इस काम को पूरा होने में एक माह का समय लगेगा। सड़क को खोदने व बॉक्सों को लगाने के दौरान इस क्षेत्र का आवागमन करीब एक सप्ताह तक पूरी तरह बंद रहेगा।

यह परेशानी होगी – 

जहां यह काम किया जा रहा है वह शहर का बाहरी क्षेत्र है। यहां से गुजरखेडा, पिटरोड़, तथा हरसोला व सिमरोल के बड़ी संख्या में रहवासी आवागमन करते हैं। साथ ही इस मार्ग पर दो स्कूल हैं लेकिन फिलहाल वह बंद हैं। लेकिन सबसे ज्यादा उस समय परेशानी होगी जब किसी की अंतिम यात्रा यहां से निकलेगी क्योंकि मुक्तिधाम जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता है। सड़क खुदाई व बॉक्स रखने के दौरान करीब तीन दिन बंद रहने से ऐसी स्थिति में क्या होगा? साथ ही मीटर गेज के लिए भी करीब आठ घंटे का मेगा ब्लॉक लेना होगा।


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