महूः राजस्व वसूली के लिए आए तहसीलदार को उल्टे पैर लौटना पड़ा


तपन के अभिभाषक राधेश्याम अग्रवाल ने सभी कागजात दिखाते हुए बताया कि जो नोटिस दिया गया है व राशि बकाया निकाली है, वह किसी अन्य के नाम की है जिससे तपन का कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद तहसीलदार बजरंग बहादुर को अपने दल के साथ खाली हाथ उल्टे पैर लौटना पड़ा।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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महू। डायवर्शन शुल्क की वसूली के लिए प्रशासन ज्यादा सक्रिय है, लेकिन इतना सक्रिय है कि अग्रिम भुगतान करने वालों को भी नोटिस भेज रहा है। यहां तक कि उनके घर जाकर वसूली का दवाब बनाया जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण महू में देखने को मिला जब देपालपुर के तहसीलदार और भारी-भरकम टीम को उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा।

वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व प्रशासन द्वारा बकाया डायवर्शन शुल्क की ज्यादा से ज्यादा वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। शनिवार की शाम महू के लुनियपुरा क्षेत्र निवासी तपन सिव्हंल के यहां देपालपुर के तहसीलदार बजरंग बहादुर दो आर आई, छह पटवारियों व चार कर्मचारियों के साथ यहां वसूली के लिए पहुंचे।

तपन को पूर्व में इनके द्वारा नोटिस दिया गया था कि उनकी काली बिल्लौद स्थित जमीन का डायवर्शन शुल्क करीब तीन लाख रुपये बकाया है। हम उसकी वसूली के लिए आ रहे हैं। यहां आने पर तपन ने अपनी जमीन संबंधी कागजात उन्हें दिखाए।

पहले तो वे मानने को तैयार नहीं थे लेकिन बाद में जब तपन ने बताया कि उनकी जमीन का प्रतिवर्ष डायवर्शन शुल्क 2300 रुपये है। वह दस साल के लिए यानी 2021 तक का 23000 रुपये अग्रिम ही जमा कर चुके हैं।

अगर राशि बकाया है तो जमीन के हिसाब से तीन लाख रुपये भी नहीं हो सकती। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से काफी बहस हुई।

इस दौरान तपन के अभिभाषक राधेश्याम अग्रवाल भी पहुंच गए व सभी कागजात दिखाते हुए बताया कि जो नोटिस दिया गया है व राशि निकाली है वह किसी अन्य के नाम की है जिससे तपन का कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद तहसीलदार बजरंग बहादुर को अपने दल के साथ खाली हाथ उल्टे पैर लौटना पड़ा।

इस संबंध में तपन ने कहा कि मैं पूर्व में ही दस साल का डायवर्शन शुल्क जमा करा चुका हूं। जो नोटिस दिया गया वह भी मेरे नाम से नहीं है। मुझ पर तीन लाख रुपये की राशि जमा कराने के लिए दबाव बनाया गया था। कागजात दिखाने के बाद भी वे यह कह कर गए हैं कि हम रिकॉर्ड जांच कर कार्रवाई करेंगे।

वहीं तहसीलदार बजरंग बहादुर ने कहा कि रिकॉर्ड में इनके नाम पर शुल्क बकाया है। जो रसीद व कागजात दिखाए गए हैं, उनका मिलान करेंगे। हम यहां डायवर्शन शुल्क की वसूली के लिए आए थे। किसी प्रकार की कुर्की या जब्ती के लिए नहीं।



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