महूः सड़क सुरक्षा सप्ताह में बिना वाहन वालों व अपनों को दे दिए हेलमेट


यातायत विभाग द्वारा बीते एक सप्ताह से कागजों व बैनर-पोस्टर पर मनाए जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह का बुधवार को समापन हो गया। अंतिम दिन विभाग द्वारा ऐसे लोगों को हेलमेट दिए गए जिनके पास या तो वाहन ही नहीं हैं या फिर वे किसी अधिकारी के अपने हैं। जरूरतमंदों को पूछा तक नहीं गया।


अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
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महू। यातायत विभाग द्वारा बीते एक सप्ताह से कागजों व बैनर-पोस्टर पर मनाए जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह का बुधवार को समापन हो गया। अंतिम दिन विभाग द्वारा ऐसे लोगों को हेलमेट दिए गए जिनके पास या तो वाहन ही नहीं हैं या फिर वे किसी अधिकारी के अपने हैं। जरूरतमंदों को पूछा तक नहीं गया।

बुधवार को ड्रीमलैंड चौराहे पर यातायात विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन किया गया, जहां नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों व पुलिस तथा यातायात विभाग के जवानों को सौजन्य से करीब पच्चीस हेलमेट वितरित किए गए।

हालांकि, आम लोगों को यह मालूम ही नहीं कि यह सप्ताह कब शुरू हुआ और विभाग ने क्या किया। बस नाके, छावनी तिराहे व यातायात चौकी पर वाहनों के चालान जरूर बनाए गए।

किसी भी वाहन चालक को सुरक्षा संबंधी या नियम संबंधी समझाइश व जानकारी नहीं दी गई। शहर की यातायात व्यवस्था आज भी लचर है और वहां कोई ध्यान नहीं दिया गया। समापन पर कुछेक साथियों के साथ वाहन रैली शहर में निकली। लेकिन, यह क्यों निकाली गई। इसकी भी जानकारी किसी के पास नहीं है।

वाहन ही नहीं और दे दिए हेलमेट –

इस आयोजन में जिन लोगों को हेलमेट दिए गए उसमें पूरी तरह पक्षपात किया गया। महू थाने में नौकर के रूप में निःशुल्क सेवा देने वाले बी प्रजापति के पास कोई वाहन ही नहीं है, लेकिन उसे ही हेलमेट दे दिया गया। इसके अलावा कुछ अन्य कर्मचारी भी हैं जो वाहन का उपयोग कम या फिर नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें भी हेलमेट दिए गए।

कार्रवाई के बजाय इनाम दिया –

इस आयोजन में नगर सुरक्षा समिति सदस्य, पुलिस जवान व यातायात जवानों को भी हेलमेट दिए गए जबकि होना यह चाहिए था कि अगर यह दोपाहिया वाहन चलाते हैं तो अब तक हेलमेट का उपयोग क्यों नहीं करते थे, यह सवाल पूछा जाना चाहिए था। शासकीय कर्मचारी होने के बाद भी नियमों का पालन नहीं करने पर इनके खिलाफ चालानी कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन इनाम में हेलमेट दिया गया।

वाहन में छुपा कर रख लिए –

कार्यक्रम के दौरान जब पता चला कि हेलमेट दिए जाएंगे तो महू थाने के वाहन में अपनों को देने के लिए पहले से ही दो हेलमेट छुपा कर रख दिए गए ताकि बाद में खत्म ना हो जाएं। चर्चा है कि यह हेलमेट वाहन विक्रेता के सौजन्य से दिए गए हैं। इसमें यातायात विभाग का किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं हुआ।

यहां मौजूद हरिशंकर ने कहा कि आवश्यक तो यह था कि यह हेलमेट जरूरतमंद आम नागरिक जिसके पास वाहन है, लेकिन हेलमेट नहीं है, को दिए जाने चाहिए। यहीं खड़ी छात्रा वर्षा कुमारी ने कहा कि यातायात विभाग आम वाहन चालकों के तो चालान बनाकर राशि वसूलता है जबकि उनके ही अपने विभाग के कर्मचारी वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनते हैं, उन्हें फ्री में हेलमेट देता है। यह गलत है।

यातायात विभाग के महू प्रभारी एसएस जादौन ने कहा कि

हमने जिनके पास हेलमेट नहीं हैं, उन्हें दिए हैं तथा जिन्होंने अच्छा काम किया उन्हें दिए। हेलमेट देने वालों के नाम पूर्व से तय थे। सभी वाहन लेकर आए थे।


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