– निरीक्षण के दौरान कारखाना संचालकों से कहा- सामूहिक रूप से बनाए ट्रीटमेंट प्लांट।
महू। इंदौर संभाग के आयुक्त पवन शर्मा व जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने गुरुवार को महू के ग्रामीण क्षेत्र कोदरिया का दौरा किया। यहां शासकीय स्कूल में बने मतदान केंद्र का निरीक्षण कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मतदान परिचय पत्र बनाने के बारे में चर्चा की।
इसके बाद निर्माणाधीन आलू चिप्स कारखाने का दौरा कर चिप्स बनाने की प्रक्रिया को समझा तथा यहां से निकलने वाले गंदे पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अलग-अलग ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की बजाय सामूहिक रूप से ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाना चाहिए। ऐसा करना सस्ता भी होगा व सरकार की ओर से सहायता भी मिलेगी।
संभागायुक्त पवन शर्मा और जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने महू एसडीएम अभिलाष मिश्रा के साथ गुरुवार को कोदरिया के शासकीय स्कूल मतदान केंद्र का दौरा किया और यहां तैनात आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से परिचय पत्र बनाने की प्रक्रिया तथा इसके लिए नागरिकों के उत्साह के बारे में चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से पूछा कि 18 वर्ष पूरा करने वाले कितने युवाओं ने परिचय पत्र बनाने के लिए आवेदन किया है। कितने परिचय पत्र बनाए गए हैं। यहां परिचय पत्र बनाने के कार्य को लेकर दोनों अधिकारी संतुष्ट नजर आए।
इसके बाद सभी अधिकारी कोदरिया में आलू चिप्स कारखाना पहुंचे। यहां भगवती मुकाती के कारखाना का करीब एक घंटे तक निरीक्षण किया और यहां आलू चिप्स बनाने की पूरी प्रक्रिया को समझा।
इसके बाद संचालक द्वारा बनवाए जा रहे गंदे पानी के ट्रीटमेंट प्लांट को देखा, जो इस क्षेत्र का पहला प्लांट है। कारखाना संचालक मुकाती ने बताया कि अब तक गंदा पानी खेत में छोड़ते थे, लेकिन अब बीस लाख रुपये की लागत से स्वयं का प्लांट बनवाया जा रहा है।
इस पर संभागायुक्त शर्मा व कलेक्टर सिंह ने कहा कि यहां चिप्स बनाने की छोटी-बड़ी डेढ़ सौ इकाईयां हैं। अलग-अलग प्लांट बनाने की बजाय सामूहिक रूप से बनाया जाए तो लागत कम लगेगी।
इसके अलावा सरपंच अनुराधा जोशी से कहा कि ऐसी योजना बनाए जिसमें ट्रीटमेंट प्लांट शासन बनाए ओर हर कारखाना संचालक से प्रति लीटर पानी के हिसाब से शुल्क लें। प्लांट का संचालन पंचायत करे, जिससे आय भी होगी और गंदे पानी की समस्या का निराकरण भी हो जाएगा।
पूरे वर्ष चले रोजगार –
चर्चा के दौरान सरपंच जोशी व कारखाना संचालक भगवती मुकाती, मनोज सैनी ने कहा कि यह उद्योग वर्ष में मात्र छह से सात माह ही चलता है। शासन की ओर से जो रियायत मिलनी चाहिए वो नहीं मिलती और ना ही अब तक कोई योजना बनाई गई है।
इस पर अधिकारियों ने कहा कि यहां कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएं ताकि संचालक बड़ी मात्रा में आलू सुरक्षित रख सकें व पूरे वर्ष चिप्स कारखाने चले। साथ ही साथ आलू चिप्स के अलावा अन्य व्यवसाय की संभावना को भी खोजें।
व्यवस्था धरी रह गई –
इन अधिकारियों को तहसील के अनेक ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केंद्रों का निरीक्षण करना था व शासकीय अस्तपाल का भी विशेष रूप से दौरा करना था। सभी जगह सुबह से ही पूरी तैयारी तथा व्यवस्था कर ली गई थी। हर अधिकारी व कर्मचारी समय से पहले मौजूद था।
किशनगंज क्षेत्र के मतदान केंद्र पर जैसे ही वाहनों का काफिला रूका व अधिकारी स्वागत के लिए बाहर आए, लेकिन अचानक वाहन बिना रूके ही वहां से आगे बढ़ गए। इसके अलावा सभी को शासकीय अस्पताल जाना था।
एसडीएम मिश्रा ने आदेश देकर सुबह से अस्पताल को व्यवस्थित करवा दिया था, जिस कारण हर चिकित्सक, कर्मचारी मुस्तैद था। पूरे परिसर की साफ-सफाई करवा दी गई थी। वाहन भी पार्किंग में खड़े थे, लेकिन उस समय निराशा हुई जब यहां भी अधिकारी निरीक्षण किए बिना ही बाहर से चले गए।