महू। छावनी परिषद में तीस साल बाद एक बार फिर किसी भी प्रकार का व्यापार व व्यवसाय करने के लिए परिषद से लायसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा। यह प्रक्रिया मार्च माह से आरंभ हो जाएगी। इसके अलावा सेना द्वारा बंद किए गए रास्ते भी जनवरी माह में खोल दिए जाने का आश्वासन बोर्ड अध्यक्ष ने दिया है। शहर के मुख्य बाजारों में शाम के बाद सिर्फ दो पहिया वाहनों को ही प्रवेश दिया जाएगा। यह निर्णय बाेर्ड की बैठक में लिया गया।
छावनी परिषद की बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई। इस बैठक में गत दिनों हुई सिविल एरिया कमेटी की बैठक के मुद्दों पर अनुमोदन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि अब शहर के हर व्यापारी व व्यवसायी को अपने रोजगार के लिए परिषद से लायसेंस लेना अनिवार्य होगा।इसके लिए व्यापार के हिसाब से अलग – अलग वर्ग बनाए गए हैं और इसी के आधार पर उनसे लायसेंस शुल्क लिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा बीस हजार रूपये शराब की दुकान की लायसेंस फीस होगी तथा अधिकांश व्यापार के लिए 350 रूपये का लायसेंस शुल्क तय किया गया।उल्लेखनीय है कि शहर में व्यापार व्यवसाय करने के लिए छावनी परिषद से वर्ष 1991 तक लायसेंस लिए जा रहे थे इसके बाद से यह प्रक्रिया स्वत: ही बंद हो गई।
वर्षो से बंद पड़े टाउनहाल को संवारने की कवायद एक बार फिर शुरू हो सकती है। इस भवन का एक बार फिर बोर्ड अध्यक्ष जनप्रतिनिधियों के साथ अगले सप्ताह निरीक्षण करेंगे।
बेैठक में निर्णय लिया गया कि अब शहर के प्रमुख बाजार मेन स्ट्रीट, सांघी स्ट्रीट, छोटा बाजार, एमजी रोड सहित अन्य बाजारों में शाम पांच से रात दस बजे तक सिर्फ दो पहिया वाहनों का प्रवेश रहेगा और भारी वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
इसके अलावा बोर्ड बैठक में छावनी परिषद की स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित निर्णय भी लिए गए हैं। इनमें नवनिर्मित छावनी अस्पताल में जल्दी ही ऑपरेशन थियेटर, पैथॉलाजी, प्रसुति विभाग आदि सुविधा शुरू करने का निर्णय भी लिया गया।
इस बैठक में बोर्ड उपाध्यक्ष अरूणा दत्त पांडे ने सभी जनप्रतिनिधियों की और से सेना द्वारा बंद किए गए रास्तों को खोलने की मांग को लेकर एक पत्र बोर्ड अध्यक्ष को साैंपा। इस पर बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर एम एस सभरवाल ने कहा कि जनवरी माह में बंद रास्तों को खोल दिया जाएगा।
बैठक में बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर एम एस सबरवाल, सीईओ मनीषा जाट, बोर्ड उपाध्यक्ष अरूणा दत्त पांडे, कांता सोडानी, जितेंद्र शर्मा, बंटी
खंडेलवाल, रचना विजयवर्गीय, मुजीब कुरैशी, अशोक वर्मा व कैलाश दत्त पांडे सहित सेना के सदस्य शामिल हुए।